चंडीगढ़, 21 जून। हरियाणा नए स्टार्टअप को बढ़ावा देगा। इसके लिए स्मॉल, माइक्रो व मीडियम इंडस्ट्री के लिए जिला स्तर पर क्लस्टर बनाने की योजना तैयार होगी। जिनमें नए स्टार्टअप को प्रोत्साहन मिल सके।
इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला स्तर पर क्लस्टर स्थापित करने की योजना बनाने के निर्देश दिए है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा युवाओं के लिए रोजगार के अवसर दिए जाने हैं। मुख्यमंत्री यहां एमएसएमई की क्लस्टर योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए जमीन, योजना, उत्पाद के प्रकार, टेक्नोलॉजी, टेस्टिंग सर्टिफिकेशन, रिसर्च एवं डेवलपमेंट, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, फाइनेंस, एक्सपोर्ट, डिजाइनिंग पैकेजिंग आदि की बारीकी से योजना बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों को कहा कि पूरी योजना बनाकर पोर्टल पर लोगों से सुझाव मांगे जाएं कि लोग किस किस प्रकार के उद्योग लगाने में रुचि ले रहे हैं। आवश्यकता पड़ने पर उनकी बैठक भी बुलाएं ताकि क्लस्टर योजना सही ढंग से अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सके।
मनोहरलाल ने कहा कि किस किस वस्तु का हरियाणा से निर्यात होता है, उस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एक्सपोर्ट करने वालों का एक एडवाइजरी बोर्ड या काउंसिल बनाएं ताकि निर्यात में आने वाली दिक्कतों का आसानी से समाधान किया जा सके।
उन्होंने कहा कि हर जिले में उस क्षेत्र में पैदा होने वाली उपज से बनने वाले प्रोडक्ट पर आधारित क्लस्टर बनाए जाएं।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कई जिलों के लिए प्रोडक्ट आधारित क्लस्टर बनाने बारे जाना और कहा कि फूड प्रोडक्ट आधारित क्लस्टर पर फोकस करें। जैसे दादरी में टमाटर, रेवाड़ी में डेयरी, महेंद्रगढ़ में सरसों, सिरसा जिले में किन्नू का उत्पादन ज्यादा होता है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, प्रधान सचिव व एचएसआईआईडीसी के एमडी अनुराग अग्रवाल, उद्योग व वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव विजेन्द्र कुमार, महानिदेशक एमएसएमई विकास गुप्ता, उद्योग व वाणिज्य विभाग के महानिदेशक डा. साकेत कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।