चण्डीगढ़, 12 अप्रैल। हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने आज कहा कि गुरुग्राम के उद्यमियों की बिजली संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए गुरुग्राम में ही ‘‘फ्रंट ऑफिस’’ स्थापित किया जाएगा और यहां के मामले हिसार स्थित दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के मुख्यालय पर नहीं भेजे जाएंगे।
बिजली मंत्री ने यह निर्णय आज गुरुग्राम जिला की विभिन्न इंडस्ट्रीयल एसोसिएशनों के साथ हुई बैठक में लिया। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद और धारूहेड़ा औद्योगिक हब हैं जहां से बिजली कंपनियों को राजस्व मिलता है, इसलिए बिजली निगम भी उद्यमियों की समस्याओं का हरसंभव समाधान करने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक दिन दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक या उनका प्रतिनिधि और 15 दिन में वे स्वयं उद्योगों को बिजली आपूर्ति की समीक्षा गुरुग्राम में करेंगे। उन्होंने उद्यमियों को विश्वास दिलाया कि वे उनकी बिजली संबंधी समस्याओं को समझ चुके हैं और अब उनका समाधान करवाने की दिशा में काम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगले तीन महीनों में गुरुग्राम में बिजली संबंधी शिकायतों के निपटारे (ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम) में सुधार किया जाएगा। आधी से ज्यादा समस्याओं का समाधान अगले एक महीने में ही हो जाएगा, जिसे उद्यमी स्वयं महसूस करेंगे।
ई-मेल के माध्यम से मिलेंगे बिजली बिल
उन्होंने कहा कि उद्योगों के बिजली बिल ई-मेल के जरिए भेजे जाएंगे जिनकी अदायगी करने के लिए उन्हें 7 कार्य दिवस दिए जाएंगे, जिसमें वे दिन शामिल नहीं होंगे जिन दिनों में बैंको का अवकाश होता है। उद्यमियों की मांग पर बिजली मंत्री ने कहा कि उद्योग में कितनी बिजली की खपत हुई, कितना बिल भरा गया आदि से संबंधित डाटा ऑनलाईन उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए कॉमर्शियल लॉकबुक ऑनलाईन बनाई जाएगी जहां से उद्यमी अपने उद्योग का बिजली संबंधी डाटा देख पाएंगे। ऐसा करने से उद्योगों को पिछली बकाया राशि लंबित होने के नाम पर एक दम से ज्यादा राशि का बिल मिलने की समस्या का समाधान होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बिजली निगम या हरियाणा बिजली नियामक आयोग (एचईआरसी) द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले सर्कुलर भी औद्योगिक एसोसिएशनों को भेजे जाएंगे ताकि उन्हें नियमों की पूरी जानकारी रहे। बिजली मंत्री ने यह भी कहा कि जिन उद्योगों के ज्यादा राशि के बिल बकाया हैं और वे बंद हो चुके हैं, ऐसे उद्योगों के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से सलाह करके कोई स्कीम लाई जाएगी ताकि उनकी समस्या का समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में नियुक्त बिजली अधिकारियों की अगले तीन महीनों में परफॉर्मेंस देखी जाएगी, जो काम नहीं करेंगे, उन्हें यहां से बदला जाएगा।
मीटर रीडिंग नहीं लिए जाने की शिकायत पर बैठक में मौजूद बिजली विभाग के एसीएस पीके दास ने कहा कि मीटर रीडिंग की फोटो लेकर बिल के साथ भेजी जाएगी ताकि घर बैठे कुछ भी अनाप-शनाप रीडिंग भरकर बिल न भेजे जाएं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि एचटी रीडिंग सिस्टम से डाउनलोड करके ही बिल भेजने की व्यवस्था है। दास ने यह भी कहा कि एक महीने के अंदर-अंदर वास्तविक मीटर रीडिंग के आधार पर बिजली बिल देना सुनिश्चित किया जाएगा और यदि उपभोक्ता का मीटर खराब है तो उसे भी तत्काल बदला जाएगा।
बैठक में उद्यमियों ने कहा कि कोरोना समय में बिजनेस में उतार-चढाव आ रहे हैं, ऐसे में बिजली लोड घटाने या बढवाने के लिए समय-सीमा निर्धारित की जानी चाहिए। इस पर, दास ने कहा कि लोड घटा सकते हैं लेकिन बढाने के लिए सबस्टेशन की क्षमता पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि हम सबस्टेशन-वार क्षमता को नोटिफाई कर देंगे, उसके बाद ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर लोड बढा देंगे। दास ने यह भी कहा कि जब भी उद्यमी अपनी ईकाई को अपग्रेड करने का मन बनाए, उसी समय वह लोड बढाने के लिए भी आवेदन कर दें ताकि बिजली कंपनियों को भी सबस्टेशन की क्षमता बढाने के लिए पर्याप्त समय मिल जाए। मीटर का किराया वर्षों तक वसूले जाने के बारे में रखी गई शिकायत पर दास ने कहा कि बिजली मीटर की एक उम्र निर्धारित की जाएगी, उसके बाद उसका किराया नहीं लिया जाएगा। उद्योगों की मांग पर श्री दास ने यह भी कहा कि एक बिलिंग साईकिल का नॉन एनक्युब्रेंसिज सर्टिफिकेट (कोई बकाया नहीं) देने का प्रावधान किया जाएगा या इसे बिजली कंपनी के सिस्टम से डाउनलोड करने की सुविधा दी जाएगी।
गुरुग्राम के सैक्टर-37 में 66 केवी सब स्टेशन स्थापित करने की मांग पर बिजली मंत्री ने कहा कि इस बारे में एक सप्ताह में निर्णय लेकर औद्योगिक एसोसिएशन को सूचित कर दिया जाएगा। इसी प्रकार, कादीपुर तथा बसई औद्योगिक क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर बहुत नीचे लगे होने की शिकायत का तत्काल संज्ञान लेते हुए बिजली मंत्री ने इनकी स्थापना प्लेटफार्म पर करवाने के निर्देश दिए।