चंडीगढ़, 22 जुलाई। सांसद भगवंत मान ने वीरवार को मानसून सत्र के दौरान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का मुद्दा ज़ोर-शोर के साथ उठाया।
उन्होंने संसद में तीसरी बार ‘काम रोको प्रस्ताव’ पेश करते हुए मांग की है कि सूचीबद्ध मुद्दों को रद्द करके संसद में किसानों से सम्बन्धित गंभीर मामलों पर पहल के आधार पर दूसरे मुद्दों से अलग चर्चा की जाए। मान ने कहा कि वह संसद में हंगामा करने के लिए नहीं आ, बल्कि वह चाहते हैं कि किसानों के मुद्दों पर पहल के आधार पर चर्चा होनी चाहिए, परन्तु नरेंद्र मोदी सरकार जानबूझ कर संसद की कार्यवाही चला नहीं रही।
भगवंत मान ने कहा कि किसानों के मुद्दे को प्रमुखता के साथ उठाना उनकी ड्यूटी और जिम्मेदारी है, क्योंकि संगरूर लोक सभा हलके से वह संसद में नुमाइंदगी कर रहे हैं, यह जिला गेंहू और धान का सबसे ज़्यादा पंजाब में उत्पादन करता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को काले कृषि कानूनों के साथ जुड़े मुद्दे पर अपनी जिद्द को छोड़ देना चाहिए और किसानों की मांगें स्वीकार कर लेनी चाहिए।