अब खुले में 200 और इंडोर में 50 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की नहीं होगी इजाजत
चंडीगढ़, 15 अप्रैल। कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए हरियाणा ने सख्त कदम उठा लिए हैं। अब शादी-समारोहों में लोगों की हाजरी की लिमिट घटा दी गई है। अब ओपन में 200 और इंडोर में 50 से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकेंगे। वहीं अंतिम संस्कार में भी 20 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।
यह फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्यमंत्री ने यहां हरियाणा में कोविड-19 मामलों और टीकाकरण की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए लिया। बैठक में उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी मौजूद रहे जबकि स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिनोंदिन बढ़ते कोरोना मामलों के चलते हमें कड़ी सावधानी बरतनी होगी। पिछले साल लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां रूक गई थीं जिन्हें पटरी पर आने में लगभग 6 महीने लग गए। इसलिए हमें इस बात का ध्यान रखना है कि प्रदेश में आर्थिक चक्र भी चलता रहे और किसी की जान भी न जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि कौन सी चीज अपरिहार्य है और किस चीज को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना का विस्तार शिक्षण संस्थानों से शुरू हुआ है, इसलिए वहां अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। हमें सार्वजनिक समारोहों आदि में भीड़ को भी कम करने की जरूरत है। इसलिए निर्णय लिया गया है कि अब से सार्वजनिक समारोह में खुले में 200 और इंडोर में 50 से अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकेंगे। इसी तरह, अंतिम संस्कार में भी 20 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि जिलों में एडवाइजरी जारी कर रात के समय होने वाले शादी समारोहों का समय बदलकर दिन में किया जाए। इसके अलावा, नवरात्रों के कार्यक्रम भी रात की बजाय दिन में आयोजित किए जाएं।
किसान कोरोना को देखते हुए आंदोलन लें वापस-मुख्यमंत्री
मनोहर लाल ने कहा कि आंदोलन करना हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है और आंदोलन करने वालों से हमारा कोई विरोध नहीं है। लेकिन हर काम का अपना समय होता है। इस समय कोरोना के चलते जीवन का संकट हो सकता है, इसलिए आंदोलन करने के लिए यह समय सही नहीं है। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि मानवीयता के नाते इस समय वे अपना आंदोलन वापस लें। अगर अपनी किसी मांग के लिए उन्हें धरने या प्रदर्शन करने हैं तो ये हालात ठीक होने पर भी किए जा सकते हैं। उन्होंने उपायुक्तों को भी निर्देश दिए कि वे आंदोलनरत किसानों से संपर्क करके उन्हें मनाने की कोशिश करें।
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे जरूरत पडऩे पर ही अपने घरों से निकलें और जब भी घर से बाहर निकलें। मास्क, सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और बैड की समुचित व्यवस्था है। इसलिए लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगे से सभी बैठकें ऑनलाइन या वैबिनार के जरिए की जाएं ताकि लोगों का आना-जाना कम हो सके।
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मनोहर लाल ने कहा कि अब खरीद का समय चल रहा है। ऐसे में खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए ताकि जल्द से जल्द फसल की खरीद हो और भीड़ जमा न हो। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि आगामी 10-12 दिन के लिए राइस मिल, स्कूलों और शैड आदि में खरीद केंद्र बनाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जिलों में उठान कम हो रहा है। उन्होंने सोनीपत, पानीपत, हिसार, जींद, सिरसा, दादरी, फतेहाबाद, गुरुग्राम और पलवल जिलों के उपायुक्तों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि आगामी शनिवार को बारिश के आसार बन रहे हैं, इसलिए उठान का कार्य जल्द से जल्द किया जाए। किसानों, आढ़तियों या सरकार को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए।
गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए हमें कंटेनमेंट और माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने होंगे। अतिरिक्त बैड की व्यवस्था करें। जरूरत पडऩे पर स्कूलों, धर्मशालाओं में भी बैड लगाए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उपायुक्त मॉनिटरिंग कमेटी बनाकर नियमित निगरानी करें। उन्होंने रेमेडिशिविर की कालाबाजारी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसके लिए ड्रग्स टीमें लगाकर चैकिंग की जाए। ऐसे समय में भी जो व्यक्ति पैसे कमाने की लालसा रखता है, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।