चंडीगढ़, 14 जून। हरियाणा सरकार एयरोस्पेस व डिफेंस इक्विपमेंट सेक्टर में काम करेगी। इसके लिए प्रयास किया जाएगा कि प्रदेश, उत्तर भारत में एक अग्रणी ‘एमआरओ’ हब (मैंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल हब) के तौर पर जगह बनाए। इससे न केवल नागरिक विमान बल्कि रक्षा विमानों को फायदा होगा। हब बनने से सभी एयरलाइंस के लिए रखरखाव की लागत भी कम हो जाएगी।
यह जानकारी प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ‘हरियाणा एयरोस्पेस एंड डिफेंस पॉलिसी-2021’ को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यहां दी। उन्होंने बताया कि अगले 5 साल में सरकार का लक्ष्य एयरोस्पेस व डिफेंस इक्विपमेंट प्रोडक्शन सैक्टर में 7,000 करोड़ का निवेश कर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से करीब 31,000 युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है। उल्लेखनीय है कि दुष्यंत चौटाला के पास नागरिक उड्डयन विभाग का प्रभार भी है।
उन्होंने बताया कि एयरोस्पेस व डिफेंस इक्विपमेंट प्रोडक्शन से जुड़ी इंडस्ट्री को अधिक से अधिक आकर्षित करने के लिए ‘हरियाणा एयरो स्पेस एंड डिफेंस पॉलिसी’ तैयार की जा रही है, जिसको जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इस पॉलिसी को बनाने के लिए हरियाणा नागरिक उड्डयन विभाग, एमएसएमई विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाई गई जिसमें सभी स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लेकर पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार किया गया है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ऑटो सैक्टर में तो हरियाणा पहले से ही अग्रणी है, अब ‘एयरोस्पेस एंड डिफेंस पॉलिसी’ बनाकर राज्य में एयरोस्पेस तथा डिफेंस इक्विपमेंट प्रोडक्शन से जुड़े अधिक से अधिक इंडस्ट्री को आमंत्रित करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि हिसार में जो एविएशन-हब तैयार हो रहा है उससे एयरोस्पेस तथा डिफेंस इक्विपमेंट प्रोडक्शन क्षेत्र के अन्य इंडस्ट्री को भी आने का अवसर मिलेगा।
पॉलिसी में दी जाएंगी रियायतें
उन्होंने बताया कि प्रस्तावित पॉलिसी में प्रदेश में एयरो स्पेस तथा डिफेंस इक्विपमेंट प्रोडक्शन के क्षेत्र में निवेश करने वाले उद्योगों को विशेष रियायतें दी जाएंगी।