गुप्ता आज फरीदाबाद में सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत जिला स्तरीय वर्कशॉप में विभिन्न विभागों के अधिकारियों तथा जिले के गणमान्य नागरिकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जल्द ही आयुष्मान भारत, प्रॉपर्टी आईडी, परिवार पहचान पत्र में संशोधन, सीवरेज कनेक्शन, खाद व फसल विविधिकरण से जुड़ी योजनाओं, मनरेगा, स्वामित्व योजना के तहत किए गए पंजीकरण में संशोधन, छात्रों को प्रदान की जाने वाली मार्कशीट, डिग्री व स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट तथा महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण जैसी विभिन्न योजनाओं को सेवा का अधिकार अधिनियम में शामिल किया जाएगा।
गुप्ता ने निर्देश दिए कि सेवाओं के निपटान के मामले में विभागों का स्कोर 10 में से कम से कम 9.9 होना चाहिए। इसके अतिरिक्त नागरिकों से सेवाओं के संबंध में ली जाने वाली फीडबैक के मामले में भी 5 में से कम से कम 4 अंक होने चाहिए।
उन्होंने बताया कि अभी तक लापरवाही के मामलों में आयोग ने 250 अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं।
मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा कि फिलहाल 31 विभागों की 546 सेवाओं को आरटीएस में सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें से 277 सेवाएं ऑनलाइन हैं जबकि 269 सेवाएं ऑफलाइन प्रदान की जा रही हैं।
उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभागों के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सरकार द्वारा आम नागरिकों को दी जा रही सभी सुविधाएं समयबद्ध ढंग से मिलें। साथ ही, समय पर मिल रही इन सुविधाओं से नागरिकों की संतुष्टि भी जरूरी है।
गुप्ता ने कहा कि सेवाओं में जानबूझकर लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में ऑटो अपील सिस्टम शुरू किया गया है। इसमें सेवाओं में देरी के मामलों में स्वयं ही अपील फाइल हो जाएगी।
बैठक में उन्होंने ऐसे अधिकारियों को कड़ी चेतावनी भी दी, जिनके पास लंबित आवेदनों की संख्या अधिक है। उन्होंने विशेष रूप से नगर निगम फरीदाबाद, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, महिला एवं बाल विकास तथा श्रम विभाग के अधिकारियों को सुधार के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य आयुक्त ने गणमान्य नागरिकों से भी सेवाओं के सम्बंध में फीडबैक ली।