सरकार ने लड़कियों की शिक्षा और दिव्यांग छात्रों की सहायता के लिए किए नए कार्यक्रम शुरू
चंडीगढ़ ,5 अक्टूबर- हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने राज्य में छात्रों की शिक्षा, बुनियादी ढांचे और समग्र कल्याण की गुणवत्ता में सुधार समावेशिता, कौशल विकास और नवाचार पर बल देने के लिए 201,346.71 लाख रुपये आवंटित किए हैं।
मुख्य सचिव ने आज यहां हरियाणा समग्र शिक्षा की चौथी कार्यकारी समिति की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत सरकार के मंत्रालय द्वारा परिभाषित सात कार्य क्षेत्रों में प्रदर्शन के आधार पर हरियाणा के 3,893 स्कूलों का चयन किया है। पहले चरण में 124 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को पीएमश्री स्कूलों के रूप में चुना गया था। इन स्कूलों में बदलाव लाने के लिए 8,526.76 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
श्री कौशल ने शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग छात्रों को समर्पित सहायता प्रदान करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के बाहर छात्रों की व्यावहारिक शिक्षा अनुभवों को व्यापक बनाने ,राष्ट्रीय स्तर पर उनके वैज्ञानिक ज्ञान को समृद्ध करने के लिए इसरो, साइंस सिटी जैसे अन्य संगठनों के प्रसिद्ध संस्थानों की शैक्षिक यात्राओं की व्यवस्था की जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने अधिकारियों से छात्रों को साइबर अपराध और वित्तीय साक्षरता के बारे में शिक्षित करने और उन्हें आवश्यक कौशल से भरपूर करने को कहा। उन्होंने जिला स्तरीय अधिकारियों को स्कूलों में बालिका शौचालयों के निरीक्षण को प्राथमिकता देकर साफ-सफाई और उनमें बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के अलावा आवश्यकता अनुसार मरम्मत एवं रखरखाव के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि छात्रों को सशक्त बनाने शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने और स्वच्छता सुनिश्चित करने, प्रतिभाओं को निखारने, सुरक्षा सुनिश्चित करने और छात्रों को तकनीकी रूप से उन्नत भविष्य के लिए तैयार करने के लिए 1,074.2 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत लड़कियों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 614 लाख रुपए खर्च कर 4,098 स्कूलों में लड़कियों को सशक्त बनाने व उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम के तहत 354 सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में नवाचार को बढ़ावा देने, कोडिंग और रोबोटिक्स गतिविधि सीखाने के लिए 460.2 लाख रुपये खर्च किए जाएगें। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य कक्षा 6वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के बीच तकनीकी दक्षता को प्रोत्साहित करने व रचनात्मकता सोच को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में सैनिटरी पैड के वितरण और निपटान के लिए एसपीवीआई मशीनें उपलब्ध कराने के लिए 1394 स्कूलों को 39500 रुपए प्रति स्कूल के हिसाब 550.63 लाख रुपए दिए जाएंगे। इनमें से 350 मशीनों की खरीद कर ली गई हैं और शेष 464 मशीनें खरीदने की प्रक्रिया जारी है।
मुख्य सचिव ने कहा कि नूंह में लड़कियों और अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए स्कूल कार्यक्रम में तेजी लाने हेतू मेवात विकास एजेंसी द्वारा स्कूल लर्निंग एक्सेलेरेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसके लिए 805 प्राथमिक विद्यालयों के लिए 701.6863 लाख रुपये तथा 127 माध्यमिक विद्यालयों के लिए 110.70082 लाख रुपए जारी किए गए हैं। राज्य सरकार दिव्यांग विद्यार्थियों को समावेशी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। दिव्यांग छात्रों को पाठक भत्ता 300 प्रति छात्र, विकलांगता के कारण स्कूल जाने में असमर्थ छात्रों को 200 रुपए प्रति माह तथा स्कूल आने-जाने में सहायता के लिए एस्कॉर्ट भत्ता प्री-प्राइमरी छात्रों के लिए 150 रुपए प्रति माह और पहली से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए 200 रुपये प्रति माह प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दृश्य विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण संस्थान देहरादून के सहयोग से विशेष शिक्षकों के कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के साथ साझेदारी में दिव्यांग छात्रों के लिए चिकित्सीय सेवाएँ भी प्रदान की जाती है।
बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, स्कूली शिक्षा
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, प्रारंभिक शिक्षा के निदेशक श्री अंशज सिंह के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।