गांव की चौपाल में मुख्यमंत्री के बिजली सुधार की हो रही सराहना
चंडीगढ़, 26 दिसंबर – राजधानी दिल्ली से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हरियाणा के फरीदाबाद जिला के गांव भैंसरावली में अब चौपाल की चर्चा पर बिजली मुद्दा नहीं है। अतीत के आईने में देखे तो यहां गांव के लोग 10 साल पहले बिजली आने का इंतजार करते थे ताकि रोजमर्रा के काम कर पाएं। तब बिजली सप्लाई आने पर एक दूसरे को बताते थे कि बिजली आ गई है। बीते नौ सालों में हालात बदल गए हैं।
इस गांव में 24 घण्टे बिजली आपूर्ति के लिए “म्हारा गांव जगमग गाँव” योजना लागू है। 750 घरों वाले इस गांव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की योजना ने हालात बदल दिए है। गांव की सरपंच आरती देवी व उनके पति विनोद कुमार के अनुसार गांव में बिजली फाल्ट इत्यादि पर ही प्रभावित होती है वरना बिजली 24 घण्टे उपलब्ध रहती है। इसी गांव के पूर्व सरपंच भूदत्त ने कहा कि सरकार ने बिजली सुधार के लिए बहुत काम किया है। पहले बिजली की कमी अखरती थी, हालांकि उनका सुझाव है कि कृषि क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को और बढ़ाया जाएं।
बिजली सुधार की यह स्थिति केवल इस गांव की ही नहीं है बल्कि हरियाणा प्रदेश के 5798 गांवों में अब म्हारा गांव जगमग गाँव योजना के तहत 24 घण्टे बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरूक्षेत्र के गांव दयालपुर से 1 जुलाई 2015 से इस योजना की शुरूआत की थी। मुख्यमंत्री का स्पष्ट विजन है कि बिजली की उपलब्धता हर गांव व ढाणी तक रहे और हर घर रोशन हो।
हरियाणा की बात करे तो 2014-15 में प्रदेश के पास बिजली की उपलब्धता काफी कम थी, जबकि आज बिजली के मामले में हरियाणा आत्मनिर्भरता की स्थिति हैं। सरकार के बिजली मंत्री रणजीत सिंह का कहना है कि इन नौ वर्षो के दौरान 4452 करोड़ रूपये की लागत से 67 नए सब-स्टेशन स्थापित किए, 2365 किलोमीटर की प्रसारण लाइने जोड़ी। घरों, कॉलोनी, तालाब व स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली हाईवॉलटेज लाइनों को हटाने का कार्य किया। बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतें दूर करने के लिए ऑनलाइन शिकायत निवारण पोर्टल की शुरूआत की गई, 150 करोड़ रूपये की राशि 11 केवी व 33 केवी की लाइनों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने के लिए रखी है।
रणजीत सिंह ने बताया कि केन्द्रीय विधुत मंत्रालय के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा जनवरी 2020 में जारी राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2019 को देश में हरियाणा को प्रथम रैंक हासिल हुई ।दक्षता सूचकांक 2020 में हरियाणा तीसरे स्थान पर रहा ।वहीं 2023 में ऊर्जा दक्षता सूचकांक में हरियाणा ने द्वितीय स्थान हासिल किया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की दूरदर्शी सोच ने बिजली के मामले में प्रदेश को आत्मनिर्भर बना दिया है। दस साल पहले तक गांव तो दूर की बात शहर में भी बिजली के कट बेहाल करते थे। ग्रामीण रामकुमार व सुभाष ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बिजली के मामले में निहाल कर दिया है, इतनी बिजली कभी भी नहीं रही। बिजली की कमी को लेकर लोगों को सड़को पर आना पड़ता था लेकिन अब बिजली कब गई यह पता नहीं चलता और कुछ देर बाद फिर बिजली आ जाती है।
आदित्य और कमलदीप ने बताया कि पहले कट लगने के कारण छोटे व्यवसायी जो जनरेटर इत्यादि का प्रबंध नहीं कर पाते थे, उनके लिए इंतजार के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था। फोटो स्टेट संचालक, छोटे औजार, आटा चक्की, पशु चारा मशीन व इसी तरह का दूसरा व्यवसाय जो बिजली के बिना नहीं होते थे, करने वाले दुकानदारों को कई घण्टे तक बिजली सप्लाई आने का इंतजार करना पड़ता था, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस इंतजार को खत्म कर दिया है।