चंडीगढ़, 5 मार्च। पंजाब में युवाओं को सरकारी नौकरियां देने का आंकड़ा 51,000 को पार करने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज बड़ा ऐलान किया कि 50,000 और सरकारी नौकरियां दी जाएंगी, जिससे युवाओं को एक लाख सरकारी नौकरियां मिल जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के ‘मिशन रोज़गार’ को जारी रखते हुए 763 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने तीन सालों में युवाओं को 51,655 सरकारी नौकरियां दी हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन युवाओं के लिए आज ऐतिहासिक दिन है जो सहकारिता, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उच्च शिक्षा और भाषाएं विभाग में चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को पारदर्शी तरीके से 51,000 से अधिक सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को सरकारी नौकरियां देने का एक लाख का आंकड़ा पार करेगी।
उन्होंने कहा, “मैं युवाओं को रोजगार देकर उनके हाथों में टिफिन सौंपना चाहता हूं ताकि वे नशे वाली सिरिंज और अन्य लक्षणों से दूर रह सकें। खाली मन शैतान का घर होता है, इसलिए राज्य सरकार इस बात के लिए पूरी कोशिश कर रही है कि हमारे अधिक से अधिक युवाओं को नौकरियां मिलें ताकि वे सामाजिक बुराइयों का शिकार न हों। बेरोजगारी कई समस्याओं की जड़ है, जिसके कारण राज्य सरकार इस रोग को खत्म करने पर सबसे अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है।”
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार हर विभाग में खाली होते ही सभी पदों को भर देती है। उन्होंने कहा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया के लिए पारदर्शी विधि अपनाई गई है, जिसके कारण इन 51,000 सरकारी नौकरियों में से एक भी नियुक्ति को अब तक किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह पंजाब सरकार के लिए गर्व की बात है कि इन युवाओं को पूरी तरह योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण मौका है जब ये युवा पंजाब सरकार के परिवार का हिस्सा बन रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये युवा विभिन्न विभागों में भर्ती होकर राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदार बनेंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार किसी भी सरकार ने सत्ता में आने के 36 महीनों में युवाओं को रिकॉर्ड 51,000 से अधिक नौकरियां दी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनके लिए बहुत गर्व और संतोष की बात है कि सभी नौकरियां बिना किसी भ्रष्टाचार या भाई-भतीजावाद के पूरी तरह योग्यता के आधार पर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि राज्य का कोई भी व्यक्ति विदेश न जाए ताकि हमारे वतन के परवानों के देश सेवा के सपने साकार हो सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के कारण राज्य में पहले ही वतन वापसी का रुझान देखने को मिल रहा है और युवा अपनी मातृभूमि की सेवा करने के लिए विदेशों से वापस आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमेरिका से युवाओं को डिपोर्ट करने की घटना हमारे सभी के लिए आंखें खोलने वाली है कि राज्य के युवाओं को यहां रहकर ही कड़ी मेहनत करके विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है कि युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक मौके प्रदान किए जाएं ताकि वे जीवन के हर क्षेत्र में बुलंदियों को छू सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि युवाओं की कड़ी मेहनत और उनकी समर्पण भावना से आने वाले दिनों में उन्हें सफलता मिलेगी।
मान ने कहा कि राज्य सरकार ने देश में अपनी तरह की अनोखी पहल शुरू की है और पंजाब में राज्य और राष्ट्रीय मार्गों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और कीमती जानें बचाने के लिए समर्पित सड़क सुरक्षा बल है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से प्रशिक्षित नए भर्ती किए गए 1,597 कर्मचारी, जिनमें लड़कियां भी शामिल हैं, इस बल की रीढ़ हैं। इन जवानों को सभी सुविधाओं से लैस 144 वाहन प्रदान किए गए हैं। इस बल के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले साल फरवरी में इसकी शुरुआत के बाद राज्य में हादसों के कारण होने वाली मौतों में 48.10 प्रतिशत की कमी आई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कई अन्य राज्यों और यहां तक कि भारत सरकार ने भी राज्य सरकार की इस अनूठी पहल की सराहना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और बुनियादी ढांचे के साथ-साथ कानून व्यवस्था उनकी सरकार की प्रमुख प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास और लोगों की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है। भगवंत सिंह मान ने युवाओं को अपनी ड्यूटी पूरी पेशेवर प्रतिबद्धता के साथ निभाने और लोगों की सेवा के लिए अपनी कलम की सूझबूझ के साथ उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस और डॉ. बलबीर सिंह के अलावा अन्य हस्तियां भी मौजूद थी।