पंजाब से 6 और कैडेट को मिला भारतीय फौज में कमीशन
चंडीगढ़, 9 जून। महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट ( एम. आर. एस. ए. एफ. पी. आई.) एस. ए. ऐस्स. नगर के छह और कैडेट्स को देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री अकैडमी ( आई. एम. ए) से सफलतापूर्वक के पास होने के बाद भारतीय फौज में कमीशन मिल गया है।
पासिंग आउट परेड का निरीक्षण लेफ्टिनेंट जनरल ऐम्म. वी. सुचिन्द्र कुमार, पी. वी. एस. ऐम्म., ए. वी. एस. एम., वाई. एस. एम., वी. एस. एम., जीओसी- इन- सी, नॉर्दर्न कमांड की तरफ से किया गया। इन 6 कैडेटों अमरिन्दर सिंह ( ज़िला मोहाली), शोभितदीप सिंह ( गुरदासपुर), अभय प्रताप सिंह ( मोहाली), अदित्या बर्मी ( होशियारपुर), अदित्या शर्मा ( मोहाली) और तुशांत ( पठानकोट) के कमिशन्ड अफ़सर बनने से महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट की स्थापन से लेकर अब तक कुल 158 कैडिटों ने भारतीय हथियारबंद सेनाओं में कमीशन हासिल किया है।
पंजाब के रोज़गार उत्पत्ति, हुनर विकास और प्रशिक्षण मंत्री अमन अरोड़ा ने इन कैडेट्स को बधाई देते हुए उनको शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार के पंजाब में सत्ता संभालने के बाद महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट के 50 कैडिट कमिशन्ड अफसर बने हैं। इस इंस्टीट्यूट ने 56. 64 फीसद की सफलता दर हासिल करके एक और मील पत्थर स्थापित किया है।
महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट के डायरैक्टर मेजर जनरल अजय एच. चौहान ( रिटायर्ड) ने बताया कि संस्था के दो और कैडिटों जसकीरत सिंह ( ज़िला मोहाली) और जालंधर जिले के सक्षम गुप्ता को इस साल मई में भारतीय जल सेना में सब- लैफ्टिनैंट के तौर पर कमीशन मिला है। उन्होंने कैडेटों को इंस्टीट्यूट के ‘निश्चय कर अपनी जीत करों’ वाले मोटो पर खरा उतरने और देश की सेवा प्रति सच्चे सिपाही बनने के लिए प्रेरित किया।
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22 कैडेटों ने सर्विस सिलेक्शन बोर्ड की इंटरव्यू की पास
डायरेक्टर मेजर जनरल अजय एच चौहान ( सेवामुक्त) ने बताया कि इस इंस्टीट्यूट के 22 और कैडेटों ने सर्विस सिलेक्शन बोर्ड ( एस. एस. बी.) की इंटरव्यू भी पास की है। उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल में एन. डी. ए. – 152 पाठ्यक्रम की मेरिट सूची का ऐलान किया गया था, जिसमें कैडेट नवजोत सिंह ने आल- इंडिया आर्डर ऑफ़ मेरिट में 11 वां रैंक हासिल किया है। अब यह 22 कैडिट नेशनल डिफेंस अकैडमी ( एन. डी. ए.) या इस के बराबर की प्रशिक्षण अकैडमियों में जाने के लिए ज्वाइन लेटरों का इन्तज़ार कर रहे हैं।