2047 तक भारत में विश्व स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का लक्ष्य
चंडीगढ़, 20 अक्टूबर- प्रधानमंत्री गति शक्ति प्रोजेक्ट देश के सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए बहुत ही कारगर योजना है और बहुत ही लाभदायक होगी। इससे सभी प्रकार की विकासात्मक योजनाओं के साथ-साथ सोशल सेक्टर में भी अभूतपूर्व विकास होगा। इस प्रोजेक्ट अनुसार 2047 तक भारत में विश्व स्तर का बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
यह जानकारी भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग की विशेष सचिव सुश्री सुमिता डावरा दी। सुश्री सुमिता डावरा आज यहां प्रधानमंत्री गति शक्ति प्रोजेक्ट के तहत नेशनल मास्टर प्लान से इंटर स्टेट ट्रांसमिशन की समीक्षा के लिए आयोजित सेमिनार की अध्यक्षता कर रही थी।
सुश्री सुमिता डावरा ने कहा कि पीएम गति शक्ति प्रोजेक्ट अक्तूबर 2021 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लांच किया गया जिसमें चार मेजर फोकस थीम पर विस्तार से कार्य किया जा रहा है। इनमें जियो मेपिंग, अंतर क्षेत्रीय मूल्यांकन और प्रोजेक्ट की पहचान करना, नीचले स्तर तक लगातार गतिशील तरक्की करना, बेहतर संकल्प के साथ जीआईएस स्तर की इमेज तथा रेल, सड़क, संरचनात्मक सुविधाओं के साथ आर्थिक तथा सामाजिक ओर लॉजिस्टिक सुविधाओं में बढौतरी करना शामिल है। इसके अलावा महत्वाकांक्षी जिलों एवं खण्डों में भी इन योजनाओं को ओर अधिक तेजी से क्रियान्वित किया जाना है ताकि उनमें रहने वाले नागरिकों को भी सभी तरह की मूलभूत सुविधाएं सुलभ करवाई जा सके।
सुश्री डावरा ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रालय के 39 विभागों ने इससे जुड़े पोर्टल पर जीआईएस डाटा अपलोड कर दिया है। इसके अलावा राज्यों को भी अपना डाटा अपलोड करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि पोर्टल अपलोड के लिए बेहतर मैकेनिज्म तैयार किया गया है। इस पर आसानी से देखा जा सकता है कि किस राज्य में किस तरह की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इससे कोई डुप्लीकेसी भी नहीं होती और वन एवं वन्य जीव के संवेदनशील क्षेत्रों को भी सुरक्षित रखा जा रहा है। इस प्रकार सामाजिक क्षेत्र में इन्फ्रा को शक्ति देकर पूरे क्षेत्र को विकसित करने की प्रभावी योजनाएं भी तैयार की जा रही है।
सुश्री डावरा ने कहा कि पीएम गति शक्ति परियोजना के तहत हरियाणा सरकार ने भी 5 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की स्वीकृति ली है। इससे नए स्कूल खोलने की बेहतर लोकेशन का चयन हुआ है तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों व जलघरों की सुविधाओं में भी इजाफा हुआ है। नेशनल हाईवे को राज्य व जिला स्तर की सड़कों से जोड़ने का लाभ हुआ है। इसके अलावा लॉजिस्टिक हब के लिए रेलवे एवं परिवहन सेवाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने जियो मैपिंग का बेहतर लाभ उठाया है। इसके लिए हरियाणा सरकार बधाई की पात्र है।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनन्द मोहन शरण ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल समय समय पर इस प्रोजेक्ट को गति दे रहे हैं। इससे भविष्य में एक माह में बेहतर योजनाएं बनाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि पीएम गति शक्ति के तहत ग्रीन एनर्जी कोरिडोर के फेज 2 में लगभग 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से लद्दाख से कैथल तक 13 गिगावाट का नवीनीकरण ऊर्जा का इंटरस्टेट डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है। यह नवीनीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में अपार सफलता होगी और वर्ष 2047 तक काफी हद तक नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने पर आत्मनिर्भर हो जाएगें।
श्री शरण ने कहा कि राज्य में 5 जी के स्ट्रीट फर्नीचर के उपयोग के लिए 90 प्रतिशत डाटा अपलोड कर दिया है शेष आगामी सप्ताह में अपलोड कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक अहम टूल है जिस पर विभिन्न स्तर का डाटा डाला जा रहा है जो सभी प्रकार के प्रोजेक्ट एवं योजनाओं के लिए लाभदायक है। इससे बिजली, पानी, सड़कों के आसानी से प्रोजेक्ट तैयार करवाए जा सकेंगे। इसके अलावा सोशल सेक्टर में भी कई तरह से उपयोग में लाया जा सकता है। केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन फ्लैगशिप योजना से राज्य में घर घर पेयजल पहुंचाने और पाइप लाईन डालने के कार्य में बेहतरीन सफलता मिली है।
इस अवसर पर एसीएस विकास एवं पंचायत श्री अनिल मलिक, आयुक्त एवं सचिव महिला एवं बाल विकास श्रीमती अमनीत पी कुमार, निदेशक वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय डॉ. सुमित जनागल, महानिदेशक, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, हरियाणा श्री शेखर विद्यार्थी, विशेष सचिव राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री राजनारायण कौशिक, ईआईसी श्री असीम खन्ना, निदेशक यूएलबी श्री यशपाल सहित कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।