कब्जाधारियों को वेब पोर्टल पर ऑनलाइन करना होगा आवेदन- हरियाणा शहरी स्थानीय मंत्री
चंडीगढ़, 16 जून। हरियाणा में नगर निकायों द्वारा कब्जा धारकों को प्रॉपर्टी की बिक्री के लिए नीति तैयार कर ली गई है।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने बताया कि नगर निकायों की संपत्ति पर कब्जा धारकों को मालिकाना हक देने के लिए तैयार नीति के तहत उन्हें कब्जा की हुई संपत्ति का मालिकाना हक देने के लिए संपत्ति के कलेक्टर रेट में अधिकतम 50 फीसदी तक की छूट भी दी जाएगी। नीति 1 जुलाई से लागू हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस नीति का लाभ लेने के इच्छुक पात्र कब्जाधारी को वेब पोर्टल पर निगम के आयुक्त/कार्यकारी अधिकारी/संबंधित नगर निकाय के सचिव को एक महीने के भीतर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
विज ने बताया कि कब्जाधारियों की सुविधा के लिए वेबपोर्टल का डिजाइन किया जा रहा है जोकि 20 जून तक तैयार हो जाएगा क्योंकि नीति के तहत बड़े पैमाने पर कब्जाधारियों के शामिल होने की संभावना है।
मंत्री के अनुसार शहरी स्थानीय निकाय विभाग के कब्जाधारियों, जो 20 साल से अधिक समय से किराया, लीज अथवा लाइसेंस फीस पर संपत्ति पर काबिज है उनके लिए सरकार मालिकाना देने का काम कर रही है। कब्जाधारियों को संपत्ति की डीड के लिए मौजूदा कलेक्टर रेट पर अधिकतम 50 फीसदी की छूट दी जाएगी।
मंत्री के मुताबिक जिन कब्जाधारियों के पास ऐसी संपत्ति को 20 वर्ष से अधिक परंतु 25 वर्ष से कम की अवधि हो गई है, उन्हें संबंधित श्रेणी की संपत्ति के कलेक्टर रेट का 80 फीसदी का भुगतान करना होगा।
इसी प्रकार, जिन कब्जाधारियों के पास ऐसी संपत्ति को 25 वर्ष से अधिक परंतु 30 वर्ष से कम की अवधि हो गई है, उन्हें संबंधित श्रेणी की संपत्ति के कलेक्टर रेट का 75 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।
ऐसे ही, जिन कब्जाधारियों के पास ऐसी संपत्ति को 30 वर्ष से अधिक परंतु 35 वर्ष से कम की अवधि हो गई है, उन्हें संबंधित श्रेणी की संपत्ति के कलेक्टर रेट का 70 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।
यह भी रहेगा नियम
जिन कब्जाधारियों के पास ऐसी संपत्ति को 35 वर्ष से अधिक परंतु 40 वर्ष से कम की अवधि हो गई है, उन्हें संबंधित श्रेणी की संपति के कलेक्टर रेट का 65 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।
जिन कब्जाधारियों के पास ऐसी संपत्ति को 40 वर्ष से अधिक परंतु 45 वर्ष से कम की अवधि हो गई है, उन्हें संबंधित कैटेगरी की संपत्ति के कलेक्टर रेट का 60 फीसदी का भुगतान करना होगा।
जिनके पास ऐसी संपत्ति को 45 वर्ष से अधिक परन्तु 50 वर्ष से कम की अवधि हो गई है, उन्हें संबंधित श्रेणी की संपत्ति के कलैक्टर रेट का 55 फीसदी का भुगतान करना होगा।
इसी तरह जिनके पास ऐसी संपत्ति ति को 50 वर्ष से अधिक की अवधि हो गई है, उन्हें संबंधित श्रेणी की संपत्ति के कलेक्टर रेट का 50 फीसदी का भुगतान करना होगा।