खेलों को दिया जा रहा है प्रदेश में बढ़ावा
चंडीगढ़, 24 फरवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा की पहचान धाकड़ किसान,धाकड़ जवान व धाकड़ पहलवानों से है। प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, वहीं खिलाडि़यों को आर्थिक सहायता के अलावा नौकरियों में भी ए, बी, सी श्रेणी के तहत आरक्षण देकर उनका भविष्य सुरक्षित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज कैथल में आयोजित “सांसद खेल स्पर्धा” में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने खिलाडियों को खेल की भावना से खेलने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए पहले से ही 1100 खेल नर्सरियां चल रही हैं और इस बार बजट में 400 और नई खेल नर्सरियां खोलने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में विजेता रहने वाले खिलाडि़यों को पूरे देश में सबसे ज्यादा प्रोत्साहन राशि दी जाती है। ओलम्पिक स्वर्ण विजेता को 6 करोड़ रुपये की राशि दी जाती है जोकि किसी भी प्रदेश से सर्वाधिक है।
उन्होंने कहा कि खिलाडि़यों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देकर उनको आर्थिक रूप से सुदृढ़ किया जाता है। उन्होंने बताया कि सरकारी नौकरी की ए, बी, सी श्रेणी के 500 पद सृजित किए गए , इनमें से 223 पदों को भरा जा चुका है। इसके अलावा , जल्द ही ग्रुप डी के 13 हजार पदों के परिणाम आने है, उनमें भी 1300 खिलाडि़यों को नौकरी दी जाएगी।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद श्री नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई नई खेल नीति की सराहना की और कहा कि उसी के परिणाम स्वरूप प्रदेश के खिलाड़ी राष्ट्रीय एवंम अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रदेश एवं देश के लिए पदक लेकर आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस खेल स्पर्धा में पहले स्थान पर रही कैथल की टीम को 55 हार्सपॉवर इंडो फार्म ट्रैक्टर, मैडल, सर्टिफिकेट व शील्ड देकर तथा दूसरे स्थान पर रहने वाली कुरूक्षेत्र की टीम कों 45 हार्सपावर इंडो फार्म ट्रैक्टर , मैडल, सर्टिफिकेट व शील्ड तथा तीसरे स्थान पर रही यमुनानगर की टीम को मैडल, सर्टिफिकेट, शील्ड व 1 लाख 11 हजार रुपये देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा, राज्य सभा सांसद श्री कृष्ण पंवार, विधायक लीला राम, थानेसर विधायक सुभाष सुधा भी उपस्थित थे।