चंडीगढ़, 23 जून। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री व जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, तेलंगाना के प्रभारी तरुण चुघ ने विविधता में एकता के दर्शन से ओत-प्रोत तथा भारत की एकता और अखण्डता के हिमायती डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्मदिन पर दिनांक 23 जून को आयोजित एक कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बोलते हुए कहा कि डाॅ. मुखर्जी के अधूरे सपनों को पूरा करने का वास्तविक श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जाता है।
भारतीय संसद के निर्वाचित सांसद व मंत्री डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपनी आत्मा की आवाज को सुनते हुए सांसद से इस्तीफा देकर जम्मू-कश्मीर सहित पूरे भारत में ‘‘एक विधान, एक निशान, एक प्रधान’’ का नारा बुलंद किया था। इसे लागू करवाने के आंदोलन में उन्होंने खुद का जीवन बलिदान कर दिया।
चुग ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से धारा-370 हटाकर डाॅ. मुखर्जी साहब के सपनों को लक्ष्य तक पहुंचाने का काम किया है। इसके हटते ही पूरे जम्मू-कश्मीर में भारतीय लोकतंत्र का एक विधान, एक निशान, एक प्रधान लागू हो गया। कमजोर के ढोर (मवेशी) की तरह जीनेवाले कश्मीर में रहन-सहन, कानून, प्रशासन एक झटके में ही सामान्य हो गया।
भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि अब नए परिवेश में जम्मू कश्मीर के विकास की नई लहर भारत के विकास गंगा में समाहित हो गई है। अब जम्मू कश्मीर को नई गति मिलने से यहां अनेक आमूल चूल हुए और विकास की गति नजर आने लगी।
उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद भारत सरकार द्वारा कई नई योजनाएं, परियोजनाएं शुरू की गई हैं और यहां के निवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए कई निर्णय लिए गए हैं।
चुग ने बताया कि आज की तारीख में 890 केंद्रीय कानून जम्मू कश्मीर में लागू हैं। अब यहां सभी केंद्रीय और संसदीय अधिनियम लागू हैं, जबकि पहले केवल 108 संसदीय अधिनियम ही यहां लागू होते थे। भारत के साथ जुड़ने से यहां निवेश के नये अवसर तेजी से बढ़े हैं। नए निवेशों का सिलसिला शुरू हो चुका है। यहां दशकों से जम्मू कश्मीर में बसे पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों को जम्मू कश्मीर में नागरिकता और ‘डोमिसाइल’ का दर्जा दिया गया है।
चुग ने कहा कि धारा 370 के हटते ही जम्मू कश्मीर वासियों को आयुष्मान भारत का लाभ मिलना शुरू हो गया है। पूरे जम्मू कश्मीर में पास्को लागू। एनएचआरसी अब क्षेत्र में काम करने के लिए स्वतंत्र है। अब पूरे जम्मू कश्मीर में एसटी/एससी वर्ग कोे केंद्रीय कानून के तहत आरक्षण मिलेगा। पहली बार नौकरियों में पहाड़ी समुदाय को आरक्षण मिलना शुरू हुआ। एलओसी की तर्ज पर आईबी (अंतर्राष्ट्रीय सीमा) के निवासियों को नौकरियों में आरक्षण। धारा 370 को निरस्त करने से अधिक समानता, न्याय और नए अवसर सृजित हुए हैं।