चंडीगढ़, 19 जुलाई। हरियाणा केमुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने न केवल सिख गुरुओं की,बल्कि समाज के अन्य महापुरुषों की जयंतियां सरकारी तौर पर मनाने के लिए संत महापुरुषसम्मान एवं विचार प्रचार-प्रसार योजना आरंभ की है। इस प्रकार की योजना चलाने वाला हरियाणादेश का पहला राज्य है।
मुख्यमंत्री आजअपने निवास संत कबीर कुटीर पर आए सिख समाज के लोगों को संबोधित कर रहे थे।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि हम अपने गुरुसाहिबान की शिक्षाओं को नई पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए कृतसंकल्प हैं। उनकी स्मृतियोंको सहेजने के लिए जितना काम किया जाए, कम है। हमारे गुरु साहिबान ने सद्भाव, सहनशीलता, भाईचारे और आपसी प्रेमका जो रास्ता दिखाया है, हम उसे अपने जीवन में उतारें। यही मानव कल्याण का मूल मंत्रहै और गुरुओं के प्रति यही हमारी सच्ची श्रद्धा है।
सिख कौम पर देश को गर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख कौम बहादुर है, जिसने धर्म की रक्षा केलिए सिर कटा दिये, लेकिन झुके नहीं। इस कौम की कुर्बानियों तथा वीरता पर सभी भारतवासियोंको गर्व है। उन्होंने कहा कि इस कौम के वीर सूरमाओं ने महान गुरुओं के आदर्शों व सिद्धांतोंपर चलते हुए जहां देश के स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़चढ़ कर भाग लिया, वहीं आजादी केबाद भारत माता की रक्षा के लिए बड़ी-बड़ी कुर्बानियां दी हैं। देश के विकास में सिखकौम का योगदान स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है।
उन्होंने कहा कि सिख समाज की सेवाभावना विश्व विख्यात है। जहां भी मानवता पर संकट आता है, वहां पर रक्षा और सेवा केलिए पहुंच जाते हैं। कोरोना जैसी महामारी में भी गुरु घरों के दरवाजे मानव मात्र केलिए खोल कर रखे गए और अपने घरों से निकलकर जगह-जगह लंगर लगाकर सेवा की। उन्होंने कहाकि जब मुगल शासक औरंगजेब ने श्री गुरु तेग बहादुर सिंह को केस काटने के लिए कहा था,तब श्री तेग बहादुर ने कहा था कि केस नहीं कटेंगे सिर कट जाएगा। ऐसी बहादुर कौम केबीच आज अपने आप को पाकर बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्रीश्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं को पूरे विश्व में प्रचारितव प्रसारित करने का कार्य किया है। हमारे महान सिख गुरुओं ने जो हमें सबसे बड़ी धरोहरबख्शी है, वह है प्रेम, समता और भाईचारे का संदेश। गुरु नानक देव जी ने यही संदेश दियाथा, “अव्वल अल्लाह नूर उपाया, कुदरत के सब बंदे। एक नूर ते सब जग उपज्या, कौनभले कौ मंदे।’’
नायब सिंह सैनी ने कहा कि बैसाखी के दिन 13 अप्रैल, 1699 को’खालसा पंथ’ की स्थापना हुई। इस पंथ की स्थापना देश और धर्म की रक्षा के लिए तथा जनताको जोर-ज्यादतियों और शोषण से बचाने के लिए की गई थी। इस पंथ की स्थापना मानवता, विश्वबंधुत्व, आपसी भाईचारा और उदारता के सिद्धांतों पर की गई थी।
उन्होंने कहा कि 1 नवंबर1966 को हरियाणा पंजाब से अलग हुआ, परंतु गुरुओं की शिक्षा को अलग नहीं होने दिया।सिख धर्म के 10 गुरुओं के हरि की धरती हरियाणा में पवित्र चरण पड़े हैं, जो हम सभीके लिए सौभाग्य की बात है। जहां-जहां गुरु साहिबान जी के चरण पड़े, वहां पर गुरुघरस्थापित हैं, जो सदियों से उनकी शिक्षाओं का प्रकाश फैला रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम पातशाहीश्री गुरु नानक देव जी ने अपनी चरण धूलि से सिरसा, कराह (कुरुक्षेत्र), पिहोवा, कुरुक्षेत्र,कपाल मोचन, करनाल, पानीपत, पिंजौर आदि स्थानों को पवित्र किया था। श्री गुरु नानक देवजी ने अपना जन्मदिन कपाल मोचन में ठहर कर मनाया था। धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में भीसमय-समय पर आठ गुरुओं का आगमन हुआ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशम पातशाह श्रीगुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहीदी दिवस को हर वर्ष’वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया, ताकि उनकी वीरता से युवा प्रेरितहोते रहें। उन्होंने कहा कि लोगों की आस्था को देखते हुए श्री हजूर साहिब गुरुद्वारा,श्री ननकाना साहिब, श्री हेमकुंड साहिब और श्री पटना साहिब जाने वाले प्रदेश के तीर्थयात्रियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से ‘स्वर्ण जयंती गुरु दर्शनयात्रा योजना’ शुरू की गई है।
इस अवसर पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों नेमुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को 18 सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा, जिस पर मुख्यमंत्रीने संबंधित विभागों को भेज कर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। सदस्यों ने मुख्यमंत्रीको सरोपा भेंट कर उनको सम्मानित किया।
इस मौके पर राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार, हरियाणा सिख गुरुद्वाराप्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष बाबा भूपिंद्र सिंह, पूर्व विधायक बख्शीश सिंह विर्क,मनजिंदर सिंह सिरसा, बलजीत सिंह दादूवाल और कवलजीत सिंह अजराना सहितबड़ी संख्या में सिख समाज के लोग मौजूद थे।

