चंडीगढ़, 13 अगस्त। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कंवर पाल ने बताया कि अब राज्य मेंमधुमक्खी पालन से जुड़े किसानों को इस व्यवसाय से संबंधित उपकरण सस्ती दरों परउपलब्ध होंगे। प्रदेश सरकार ने इन उपकरणों की दरें निश्चित कर दी हैं।
आज”हाई पॉवर परचेज कमेटी” की बैठक में करीब 6.5 करोड़ रुपएकी लागत के उपकरणों की दरें तय की गई। यह किसानोंकी लंबे समय से मांग चली आ रही थी कि मधुमक्खी पालन में काम आने वाले उपकरणों कीगुणवत्ता और दरें निर्धारित की जानी चाहिएं।
“हाईपॉवर परचेज कमेटी” के चेयरमैन एवं कृषि मंत्री श्री कंवर पाल ने बैठक के बादजानकारी दी कि प्रदेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों की बदौलत राज्य में पिछले 10 वर्षों मेंमधुमक्खी पालन का व्यवसाय तेजी से फला-फुला है। कई किसानों ने इस व्यवसाय कोअपनाकर कृषि-विविधीकरण की तरफ कदम बढ़ाया है जो कि कृषि-जोत कम होने पर यह अच्छीपहल है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष राज्य में मधुमक्खी पालकों ने 5000 मीट्रिक टनशहद का उत्पादन किया था जिसकी बाज़ार में करीब 55 करोड़ रूपयेक़ीमत है।
कृषि मंत्री ने बतायाकि राज्य सरकार द्वारा मधुमक्खी पालकों को शहद एकत्रित करने तथा इस व्यवसाय सेसंबंधित अन्य उपकरणों को खरीदने पर लागत में 80 प्रतिशत कीसब्सिडी दी जाती है। किसानों की डिमांड होती थी कि मधुमक्खी पालन के उपकरण बाज़ारमें या तो मिलते नहीं , अगर मिलते हैं तो महंगी दरों पर निम्न क्वालिटीके मिलते हैं जिससे उनकी आमदनी पर असर पड़ रहा है।
कंवर पाल ने बतायाकि कुरुक्षेत्र जिला के रामनगर में इजरायल और भारत सरकार का “एकीकृत मधुमक्खीविकास केंद्र” स्थापित किया गया है जिसमें किसानों को मधुमक्खी पालन के लिएप्रशिक्षण तथा अन्य जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि किसानों की समस्या कोसमझते हुए प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि इसी केंद्र में कुछ निर्धारित दरोंकी दुकानें शुरू की जाएं जहां पर मधुमक्खी पालन के उपकरण आसानी से उपलब्ध हो सकें।यहां पर एक परिसर की छत के नीचे किसानों को अच्छी गुणवत्ता के”बी-बॉक्स”, “बी-टूल किट”, “बी-ब्रश”, “बी-ग्लव्स”, “बी-फीडर”, रानी मक्खी का पिंजरा, शहदनिकालने की मशीन समेत अन्य उपकरण उपलब्ध होंगे। आजकृषि मंत्री की अध्यक्षता में हुई “हाई पॉवर परचेज कमेटी” की बैठक मेंकरीब 6.5 करोड़ रुपए की लागत के उपकरणों के टेंडर फाइनलकिये गए।
बैठक में कृषि एवंकिसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजशेखर वुंडरू, निदेशकश्री राजनारायण कौशिक, वित्त विभाग के विशेष सचिव श्री जयवीर सिंह आर्य, बागवानीनिदेशालय के विशेष विभागाध्यक्ष श्री अर्जुन सिंह सैनी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।