चंडीगढ़, 10 सितंबर। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने बिजली चोरी के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज करते हुए सिर्फ अगस्त महीने के दौरान राज्य भर के एंटी पावर थेफ्ट थानों में 296 एफ.आई.आर दर्ज की हैं। इसके अलावा, 38 कर्मचारियों को भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होने के कारण बर्खास्त किया गया है।
पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने आज यहां जारी प्रेस बयान में इस बात का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि राज्य के खजाने को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए राज्य भर में नियमित जांच और छापेमारी की जा रही है, जिसके तहत पटियाला जोन में 90, अमृतसर ज़ोन में 79, बठिंडा जोन में 71, लुधियाना ज़ोन में 29 और जालंधर जोन में 27 एफ.आई.आर दर्ज की गई हैं।
इस बात पर जोर देते हुए कि यह एफ.आई.आर पंजाब सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत दर्ज की गई हैं, बिजली मंत्री ने कहा कि पिछले दो महीनों के दौरान 37 आउटसोर्स मीटर रीडरों और एक सुपरवाइजर को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किया गया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और बिजली चोरी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बिजली मंत्री ने बिजली चोरी से निपटने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों के खिलाफ सख्त कदम लगातार उठाए जाते रहेंगे। उन्होंने बिजली चोरी करने वालों को सख्त चेतावनी दी कि वे अपनी गतिविधियाँ बंद कर अपने बिजली कनेक्शन को नियमित करवाएं। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी राज्य के खजाने को बड़ा नुकसान पहुंचाती है और इसे पूरी तरह समाप्त करने के लिए बिजली विभाग दृढ़ संकल्पित है।
यह उल्लेखनीय है कि बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने पहले ही बिजली विभाग के अधिकारियों को राज्य भर में व्यापक स्तर पर विशेष निरीक्षण करने के स्पष्ट निर्देश जारी किए हुए हैं। इन निरीक्षणों का उद्देश्य बिजली चोरी को रोकना और इन अवैध गतिविधियों से हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई करना है।