चंडीगढ़, 9 अक्टूबर। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज डिप्टी कमिश्नरों को धान की खरीद और भुगतान के कार्यों में तेजी लाने के लिए व्यापक स्तर पर मंडियों का दौरा करने के निर्देश दिए हैं।
डिप्टी कमिश्नरों के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ मंडीकरण सीजन 2024-25 के दौरान मंडियों में धान की आवक में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि डिप्टी कमिश्नर व्यक्तिगत रूप से अनाज की निर्बाध और सुचारू खरीद सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर न छोड़ें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की योजना है कि मंडियों में किसानों द्वारा लाई गई 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य में इस समय 32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती हो रही है और पंजाब द्वारा 185 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आरबीआई द्वारा खरीफ मंडीकरण सीजन 2024-25 के लिए 41,378 करोड़ रुपये की नकद क्रेडिट सीमा (सीसीएल) पहले ही जारी की जा चुकी है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि खरीद और भुगतान के कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल की जल्द से जल्द खरीद और भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार धान की निर्बाध और सुचारू खरीद के लिए प्रतिबद्ध है और अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे सरकार के फैसले को सही ढंग से लागू करें।
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि वे जमीनी स्तर पर संपूर्ण खरीद कार्यों की समीक्षा करने के लिए रोजाना 7-8 मंडियों का दौरा करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने अधीन आने वाली अनाज मंडियों का लगातार दौरा करें और नियमित निगरानी के लिए रोजाना रिपोर्ट पेश करें। मान ने उन्हें संपूर्ण खरीद कार्यों की करीबी निगरानी करने के लिए भी कहा ताकि मंडियों में अधिक अनाज जमा न हो और इसका जल्द से जल्द भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों/कर्मचारियों को धान की फसल की आवक, खरीद और भुगतान की दैनिक रिपोर्ट व्यक्तिगत रूप से उन्हें भेजकर खरीद कार्यों की स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए।
मान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनाज मंडियों से किसानों की फसल की निर्बाध, समय पर और बिना किसी रुकावट के भुगतान सुनिश्चित करने के लिए पहले ही पुख्ता इंतजाम किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों को उनकी फसल बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया।