देहरादून, 18 अक्टूबर। प्रदेश के तमाम विभाग पारदर्शिता और बेहतर गुणवत्ता के साथ तेजी से वित्तीय प्रगति बढ़ाएं। विभिन्न कारणों के चलते विकास कार्यों की प्रगति भी प्रभावित न हो इसके लिए पूर्व प्लान जरूर बनाएं
यह निर्देश वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक के दौरान दिए।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय और बाह्य सहायतित योजनाओं में समय से पूरा बजट प्राप्त हो, इसके लिए, विभाग बेहतर प्रस्ताव और उपयोगिता प्रमाण- पत्र समय से प्रेषित करें।
वित्त मंत्री ने विभागों को निर्देश दिए कि विभाग अपने बजट के खर्चों का निर्धारण पूर्व प्लान के अनुरूप इस प्रकार से करें ताकि मानसूनी वर्षा, दुर्गम क्षेत्रों में सर्दी की बाध्यताओं और चुनाव- उपचुनाव पर जाया होने वाले समय का भी विकास कार्यों की प्रगति पर किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव ना पड़े।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय और बाह्य सहायतित योजनाओं की धनराशि समय से और पर्याप्त मिल सके इसके लिए पहले से ही निर्माण कार्यों और विकास कार्यों के प्रस्ताव बनाकर रखें तथा उपयोगिता प्रमाण- पत्र भी समय से निर्गत करें।
मंत्री ने कहा कि मेरा गांव, मेरी सड़क योजना का क्रियान्वयन स्थानीय विधायकों के समन्वय से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण मद में सभी विभाग धनराशि की मांग उतनी ही करें जिसका शत – प्रतिशत खर्च होने का पूर्व में ही प्लान कर लिया गया हो।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति से जुड़े हुए अंतर्विभागीय मुद्दों का आपसी समन्वय से निस्तारण करें तथा वित्त विभाग से बजट को समय से रिलीज करें तथा पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ धनराशि का सदुपयोग करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने सचिव शिक्षा को निर्देश दिए कि पुराने और जर्जर सभी स्कूली भवनों को चिन्हित करते हुए प्राथमिकता के आधार पर या तो नए भवन बनवाएं अथवा जिनकी मरम्मत की जानी है उनकी शीघ्रता से मरम्मत करवाएं।
मंत्री ने विभागों के वित्तीय खर्चों की आख्या प्राप्त करते हुए जारी की गई धनराशि के बेहतर सदुपयोग को सुनिश्चित करने के लिए नवाचार को भी अपनी कार्यप्रणाली का अंग बनाने के निर्देश दिए।
इस दौरान संबंधित विभागों द्वारा बैठक में अपनी वित्तीय और भौतिक प्रगति की आख्या प्रस्तुत की गई तथा प्रगति के बेहतर इंप्लीमेंटेशन के संबंध में आने वाले अवरोधों, फीडबैक और महत्वपूर्ण सुझावों से भी अवगत कराया।
सचिव विद्यालय शिक्षा रविनाथ रमन ने विद्यालय शिक्षा में नए खर्चे में अधिक डिमांड होने के चलते नए प्रस्ताव पर बजट खर्च का अनुपात बढ़ाने का आग्रह किया।