“मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना’ के प्रस्ताव को स्वीकृति
लखनऊ : 04 नवम्बर, 2024
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में राजकीय देख-रेख व संरक्षण की आवश्यकता वाले निराश्रित तथा कानून से संघर्षरत बच्चों के सुरक्षित, सर्वागीण विकास हेतु राज्य सरकार के सहयोग से नवीन गूहों के निर्माण तथा संचालन हेतु “मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना’ के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। साथ ही, मंत्रिपरिषद ने योजना के क्रियान्वयन में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों के दृष्टिगत यथावश्यक संशोधन एवं परिवर्तन हेतु मुख्यमंत्री जी को प्राधिकृत किए जाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना के अन्तर्गत महिला कल्याण विभाग द्वारा राजकीय देख-रेख व संरक्षण की आवश्यकता वाले निराश्रित तथा कानून से संघर्षरत बच्चों के सुरक्षित, सर्वागीण विकास हेतु 10 संरक्षण गृहों का निर्माण व संचालन कराया जाना प्रस्तावित है। योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में आवश्यकतानुसार प्रदेश के 40 जनपदों यथा-वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, अयोध्या, अमेठी, मथुरा, फिरोजाबाद, बस्ती, झांसी एवं कानपुर देहात में विभिन्न श्रेणियों में 100-100 की क्षमता के कुल 10 नवीन गृहों के निर्माण व संचालन किया जाना है, जिनमें 01 राजकीय बाल गृह (बालिका), 01 राजकीय बाल गृह (बालक), तथा 07 राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर) किशोर न्याय बोर्ड सहित एवं 01 प्लेस ऑफ सेफ्टी गृह सम्मिलित हैं।
योजना के अन्तर्गत इन 10 गृहों का निर्माण राज्य सरकार के बजट से किया जाएगा, जिसमें लगभग 100 करोड़ रुपये का व्यय-भार आंकलित है। इस व्यय-भार में समय के अनुसार कमी या अधिकता सम्भव है। इन गूहों के संचालन में भारत सरकार द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के अन्तर्गत निर्धारित प्राविधानों के अनुरूप 60:40 (केन्द्रांश-60 प्रतिशत राज्यांश-40 प्रतिशत) के अनुसार राज्य सरकार पर 7.96 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना के अन्तर्गत वृहद निर्माण मद में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान किया गया है।