चंडीगढ़, 8 दिसंबर। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि नायब सिंह सैनी जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं, जिनका चरित्र बेदाग है, वे लगनशील हैं और ऊंची सोच के धनी व्यक्ति हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि नायब सिंह सैनी निश्चित रूप से नायाब काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रांत असीम संभावनाओं का प्रदेश है, जो हमारे देश का सिरमौर है। यहां की प्रतिभा हर क्षेत्र में अभूतपूर्व है। मुख्यमंत्री सैनी के नेतृत्व में प्रत्येक हरियाणवी का हुनर और भी उभरेगा। जीवन में साथी या सारथी बहुत निर्णायक भूमिका निभाते हैं। हरियाणा को जनता का साथी और सारथी श्री नायब सिंह सैनी के रूप में मिला है।
उपराष्ट्रपति ने आज कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में शिरकत की और गीता ज्ञान संस्थानम् में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी मौजूद थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनका और उनकी पत्नी का हरियाणा से बेहद गहरा नाता है। आज इस पवित्र भूमि, जहां भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को वह उपदेश दिया जो हम सबके लिए रास्ता दिखाने वाला उपदेश है, यहां आना उनके लिए एक ऐसा क्षण है जिसे वे सदैव स्मरण रखेंगे।
धनखड़ ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता की जन्मस्थली धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र की भूमि से संदेश दिया कि हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। राष्ट्र प्रेम में कोई आकलन की बात नहीं है, यह शुद्ध और शत-प्रतिशत होना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सैनी ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ के आगमन पर प्रदेशवासियों की ओर से उनका स्वागत करते हुए कहा कि आपके आने से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की गरिमा कई गुणा बढ़ गई है और हमारा उत्साह भी दोगुना हुआ है। आज के समारोह में उपराष्ट्रपति का आना अध्यात्म में उनकी रुचि, धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र और श्रीमद्भगवद्गीता के प्रति आस्था और हरियाणा के प्रति उनके लगाव का प्रतीक है।
सैनी ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन वर्ष 2016 से किया जा रहा है। दिव्य श्रीमद्भगवद्गीता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने की प्रेरणा हमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मिली। उन्होंने अमेरिका की अपनी पहली यात्रा के दौरान अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा को “दी गीता अर्कोडिंग टू गांधी” भेंट की। उसी समय हमने गीता के पावन संदेश को मानव मात्र तक पहुंचाने के लिए गीता जयंती समारोह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने की पहल की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गर्व है कि पवित्र ग्रंथ गीता भारत का विचार है। इसे पवित्र धर्म ग्रंथ ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता की आस्था और जीवन ग्रंथ भी माना जाता है, इसलिए मानवता को जिंदा रखने के लिए आज गीता का मनन करना बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक जीवन के तनावों और चुनौतियों का समाधान करने में श्रीमद्भगवद गीता की शिक्षाएं महत्वपूर्ण हैं। आज के तनावपूर्ण और निरंतर संघर्षों से जूझते हुए मानव समाज को गीता के सन्देश का अनुसरण करना होगा। इसी में राष्ट्र का हित निहित है और इसी से विश्व शान्ति का सपना साकार होगा।