चंडीगढ़, 15 जुलाई। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में सूक्ष्म सिंचाई का कवरेज क्षेत्र बढ़ाने के प्रयास किए जाएं और साथ ही किसानों को सूक्ष्म सिंचाई से होने वाले फायदे के बारे में शिक्षित किया जाए।
मुख्यमंत्री यहां ‘माइक्रो इरिगेशन एंड कमांड एरिया डेवलपमेंट अथोरिटी’ द्वारा संचालित की जा रही करीब 1200 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस अवसर पर सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने ‘माइक्रो इरिगेशन एंड कमांड एरिया डेवलपमेंट अथोरिटी’ की प्रगति के बारे में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने राज्य में अधिक से अधिक क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाने पर जोर दिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्तमान में सूक्ष्म सिंचाई के तहत आने वाले क्षेत्र को पानी के स्रोत (यानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, नहर, तालाब या ट्यूबवेल से सींचा जाता है) के अनुसार भी पहचान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उक्त जल स्रोतों की उपलब्धता के अनुसार सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से सिंचित किए जाने के लिए भविष्य हेतु लक्ष्य निर्धारित किए जाने चाहिए।
उन्होंने सिंचाई विभाग को ‘लिफ्ट नहर सिंचाई प्रणाली’ के माध्यम से सिंचित क्षेत्र की पहचान करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के तहत लाने के लिए प्रयास किए जाएं ताकि बचाए गए पानी का उपयोग वर्षा-सिंचित क्षेत्रों की सिंचाई के लिए किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गांव-वाइज भू-जल स्तर का मूल्यांकन किया जाएगा तथा 30 मीटर से अधिक गहरे भू-जल स्तर वाले गांवों में किसानों को अपने खेतों की सिंचाई के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मांगोन्मुख सिंचाई जल की आपूर्ति हेतु ब्लॉक-वाइज सतही जल की उपलब्धता एवं मासिक-मांग की गणना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सूक्ष्म सिंचाई के लाभों के बारे में किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए।