शहीद स्मारक का कार्य 80 प्रतिशत तक पूरा, 31 मार्च, 2022 तक होगा पूरा
चंडीगढ़, 16 जुलाई। अम्बाला में बनाया जा रहा शहीद स्मारक प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम 1857 की क्रांन्ति के अनसंग असंख्य योद्घाओं व सेनानियों को राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देगा।
यह बात हरियाणा के कैबिनेट मंत्री व अंबाला कैंट से विधायक अनिल विज ने शहीदी स्मारक के निर्माण स्थल का दौरा करते हुए दी। उन्होंने कहा कि शहीद स्मारक उच्च पैमानों को ध्यान में रख कर बनाया जा रहा है और इस शहीद स्मारक के सिविल निर्माण का 80 प्रतिशत तक काम पूरा कर लिया गया है और 31 मार्च, 2022 तक इसका निर्माण कार्य शत- प्रतिशत पूरा कर लिया जायेगा। इस मौके पर उनके साथ हरियाणा के मुख्य सचिव डा विजयवर्धन, लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डा. अमित अग्रवाल, इतिहासकार प्रो0 पुष्पेश्वर पंत, मंडलायुक्त पंकज यादव, उपायुक्त विक्रम सिंह विशेष तौर पर मौजूद थे।
विज ने कहा कि हरियाणा के कुछ इतिहासकारों के अनुसार आजादी की पहली चिंगारी अम्बाला से फूटी थी, इसके तहत अज्ञात वीरों की याद में करीब 300 करोड़ रूपये की लागत से 22 एकड़ में यहां पर राष्ट्रीय शहीदी स्मारक का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार बनते ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस परियोजना को स्वीकृति दी और आज यहां पर करोड़ों रूपये की लागत से राष्ट्रीय स्तर का शहीदी स्मारक को बनाने का काम किया जा रहा है।
गृहमंत्री ने इस अवसर पर यह भी बताया कि अब आर्ट वर्क के तहत कार्य किया जायेगा। तीन चरणों में यह कार्य किया जायेगा। पहले चरण के तहत अम्बाला में 1857 की क्रांति कब शुरू हुई थी, कहां से शुरू हुई थी, उसका इतिहास दिखाया जायेगा। दूसरे चरण में हरियाणा में 1857 की क्रांति कहां-कहां लड़ी गई, उसका वर्णन किया जायेगा और तीसरे चरण में हिन्दुस्तान में कहां-कहां आजादी की लड़ाई लड़ी गई, झांसी की रानी, बहादुरशाह जफर के साथ-साथ अन्य क्रांतिकारियों ने अपनी क्या-क्या भूमिका निभाई, उसका वर्णन किया जायेगा।
गृहमंत्री ने यह भी कहा कि पर्यटन की दृष्टि से राष्ट्रीय स्तर का स्मारक अपनी अलग छाप छोड़ेगा और देश के मानचित्र पर उभरेगा।
आर्केटैक्चर रेणू खन्ना ने पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से शहीद स्मारक में चल रहे कार्यो और किए जाने वाले कार्यो बारे जानकारी दी। वाटर बाडी, करीब 200 फुट उंची कमल के फूल की आकृति, पैनोरेामा की तर्ज पर डायोरामा यानि झांकियां, करीब तीन सो लोगों की बैठने की क्षमता वाला बडा आडोटोरियम, करीब 2000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला ओपन एयर थियेटर,फुड कोर्ट तथा प्रेस गैलरी इत्यादि बारे विस्तार से जानकारी दी।