चंडीगढ़, 18 जून। हरियाणा के श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में भवन व अन्य सन्निर्माण के कार्य से जुड़े श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए पूरे प्रदेश में मंडल स्तर (ब्लॉक स्तर) पर हैल्प-डेस्क स्थापित किए जाएंगें। इस संबंध में एक प्रस्ताव को श्री अनिल विज, जो हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के चेयरमैन भी है, ने अपनी अनुमति प्रदान कर दी है।
उन्होंने बताया कि राज्य में भवन निर्माण में लगे श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए इन हैल्प-डेस्क को ब्लॉक स्तर पर स्थापित किया जाएगा, जो वन स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य करेंगें। इन हेल्प डेस्क पर श्रमिकों के पंजीकरण, विभिन्न योजनाओं के लाभ लेने के लिए सहायता, श्रमिकों को जागरूक करना और भवन निर्माण में कार्यरत श्रमिकों की समस्याओं के निवारण के रूप में कार्य होगा।
विज ने बताया कि श्रम विभाग द्वारा इन हैल्प डैस्क सेंटरों के माध्यम से भवन निर्माण से जुडे श्रमिकों हेतू संचालित कल्याणकारी योजनाओं के आवेदनों के प्रंसस्करण में तेज़ी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, विभाग का वर्तमान ध्यान कनेक्ट पॉइंट्स और सेवा वितरण बिंदुओं की जमीनी स्तर की भागीदारी को भी बढाना है। इसीलिए मण्डल स्तर पर हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगें। श्रम मंत्री ने बताया कि इन हैल्प डेस्क सेंटर में असिस्टेंट वेलफेयर आफिसर, जिला हैल्प डेस्क में सुविधाओं के लिए स्टाफ, आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर इत्यादि मुहैया करवाया जाएगा।
विज ने बताया कि हरियाणा में भवन निर्माण में लगे श्रमिकों को विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं को लाभ प्रदान किया जाता है जिनमें मातृत्व लाभ 36 हजार रुपये, पित्तृव लाभ 21 रुपये, पंजीकृत कामगार के बच्चों की शिक्षा हेतु दिए जाने वाले लाभों के अंतर्गत बच्चों की पहली कक्षा से उच्च शिक्षा तक की वार्षिक वित्तीय सहायता 8,000 रुपये से 20,000 रुपये तक, पंजीकृत कामगारों के मेधावी बच्चों के 10वीं/12वी की परीक्षा में 60 प्रतिशत से 90 प्रतिशत अंक प्राप्ति पर 21 हजार रुपये से 51 हजार रुपए छात्रवृत्ति, वास्तविक सरकारी खर्च के अनुसार कामगार के बच्चों को प्रोफेशनल व टेक्निकल कोर्स हेतु पूर्ण शैक्षणिक व्यय की प्रतिपूर्ति, कामगार के बच्चों को व्यवसायिक संस्थानों में हॉस्टल सुविधा हेतु 1 लाख 20 हजार रुपये तक सहायता राशि, पंजीकृत कामगार के बच्चों को व्यावसायिक कोर्स की कोचिंग हेतु 20 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक सहायता राशि, पंजीकृत निर्माण कर्मकार की पुत्री के लिए इलैक्ट्रिक स्कूटर की खरीद के लिए 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि और मुख्यमंत्री श्रम योगी प्रतिभावान योजना के तहत लैपटॉप के लिए 49 हजार रुपये की राशि दी जाती है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार, साइकिल की खरीद की अदायगी के लिए 5,000 रुपये, औजार के लिए अनुदान 8,000 रुपये, सिलाई मशीन के लिए 4,500 रुपये, मुख्यमंत्री महिला निर्माण श्रमिक सम्मान योजना के तहत 5,100 रुपये, कन्यादान योजना के तहत 03 बच्चों की शादी हेतु वित्तीय सहायता (सुपुत्री) के लिए 1,01,00 रुपये, महिला श्रमिक की स्वयं की शादी हेतु वित्तीय सहायता 50,000 रुपये की राशि दी जाती है।
इसी तरह, धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण पर वास्तविक किराए की प्रतिपूर्ति के तहत वास्तविक रेल (द्वितीय श्रेणी) बस (साधारण) किराए की भरपाई और पैतृक घर जाने पर वास्तविक किराए की प्रतिपूर्ति के तहत वास्तविक रेल (द्वितीय श्रेणी)/बस (साधारण) किराए की भरपाई की जाती है। ऐसे ही, चिकित्सा सहायता (मजदूरी क्षतिपूर्ति) के अंतर्गत न्यूनतम मजदूरी के आधार पर मजदूरी की भरपाई, घातक बीमारियों के इलाज के लिए वित्तीय सहायता के तहत एक लाख रुपए तक सहायता, अपंगता सहायता के अंतर्गत डेढ रुपये से 3 लाख रुपए, अपंगता पेंशन 3 हजार रुपए प्रतिमाह, अक्षम बच्चों को 3 हजार रुपए वित्तीय सहायता प्रतिमाह, पेंशन (60 वर्ष उपरांत) 3,500 रुपये प्रतिमाह, पारिवारिक पेंशन 1,750 रुपये प्रतिमाह, विधवा पेंशन 3000 रुपये प्रतिमाह, मुख्यमंत्री श्रमिक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत मृत्यु पर वित्तीय सहायता के अंतर्गत कार्यस्थल पर दुर्घटना में 5,15,000 रुपये और अपंजीकृत श्रमिक की कार्यस्थल पर दुर्घटना में अपंगता होने पर डेढ लाख रूपए से 3 लाख रूपए और मृत्यु हो जाने पर वित्तीय सहायता 4 लाख रुपये दी जाती है।
उन्होंने बताया कि मकान की खरीद/निर्माण हेतु ब्याज मुक्त ऋण 2 लाख रुपये तक और मुख्यमंत्री पंजीकरण प्रोत्साहन योजना के तहत 1,100 रुपये की राशि श्रमिकों को दी जाती है।