चंडीगढ़, 12 अगस्त। पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा, जो ‘युद्ध नशे विरुद्ध” कैबिनेट सब-कमेटी’ के चेयरमैन भी हैं, ने आज यहां घोषणा की कि सेफ पंजाब पोर्टल की मदद से एक साल में 5,000 से अधिक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) दर्ज करने में अहम भूमिका निभाई गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा अगस्त 2024 में नशा तस्करों और नशा हॉटस्पॉट्स के बारे में जन-सूचनाएं और सुझाव एकत्र करने के लिए लॉन्च किए गए इस व्हाट्सऐप चैटबॉट ने 32 प्रतिशत की सराहनीय परिवर्तन दर हासिल की है, यानी जनता से मिली जानकारी को ठोस पुलिस कार्रवाई में बदला गया है।
पंजाब भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि व्हाट्सएप चैटबॉट, जो 9779100200 पर उपलब्ध है, को मिल रहे भरपूर जनसमर्थन ने सेफ पंजाब पोर्टल को पुलिस-जन सहयोग के मामले में देश के सबसे प्रभावशाली पोर्टलों में शामिल कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल गुप्त सूचना का एक महत्वपूर्ण स्रोत और “युद्ध नशे विरुद्ध ” मुहिम में एक शक्तिशाली हथियार बन गया है, जिसे राज्य में नशा तस्करी के खिलाफ प्रयासों को और तेज करने के लिए 1 मार्च 2025 को आधिकारिक रूप से शुरू किया गया था।
“युद्ध नशों विरुद्ध ” मुहिम की सफलता के बारे में और जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि इसकी शुरुआत से अब तक एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत कुल 16,322 केस दर्ज हुए हैं, जिनमें 25,552 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी 182 अवैध संपत्तियों को ध्वस्त किया है। इन प्रयासों के नतीजे में भारी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए गए हैं, जिनमें 1,054 किलो हेरोइन, 21,534 किलो भुक्की, 366 किलो अफीम और तीन मिलियन से अधिक गोलियां, कैप्सूल व नशीली दवाएं शामिल हैं।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने अकाली-भाजपा गठबंधन की अगुवाई वाली राज्य सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए उन पर एक दशक तक नशा तस्करी को संरक्षण देने का आरोप लगाया, और 2017 से 2022 के दौरान नशे की समस्या के खिलाफ सख्त कार्रवाई न करने के लिए कांग्रेस की अगुवाई वाली राज्य सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने इस अवसर पर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के सत्ता में आने के पहले दिन से ही इस बुराई को पूरी तरह समाप्त करने के मिशन का ज़िक्र करते हुए कहा कि “युद्ध नशे विरुद्ध ” मुहिम के माध्यम से इसे राज्य से जड़ से खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नशा तस्करी के सार्वजनिक रूप से पहचाने गए सरगनाओं को सरकार ने जेल भेजा है और जोगा सिंह की हाल ही में हुई गिरफ्तारी से नशा नेटवर्क के अन्य प्रमुख लोगों को पकड़ने में मदद मिलने की उम्मीद है।