चंडीगढ़, 9 सितंबर। पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार पर्यावरण अनुकूल, साफ-सुथरी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के विस्तार के लिए अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और एस ए एस नगर (मोहाली) में जल्द ही आधुनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करके 447 इलेक्ट्रिक बसें शुरू करेगी।
यह बात उन्होंने “ई-मोबिलिटी और सस्टेनेबल पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन पर पंजाब कॉन्क्लेव” के दौरान कही। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि अगले साल के शुरू में पंजाब राज्य सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में बड़ी क्रांति का गवाह बनेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब के शहर विकास के इंजन हैं, जिनका टिकाऊ विकास सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। डीजल से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख़ करने से न केवल प्रदूषण घटेगा, बल्कि ड्राइवरों की आमदनी भी बढ़ेगी। उन्होंने यह भी बताया कि यह पहल महिलाओं के सशक्तिकरण में भी अहम योगदान दे रही है। मार्च 2024 से अब तक अमृतसर में ई-ऑटो फ्लीट में 200 महिलाएं शामिल हो चुकी हैं।
यह सम्मेलन, जो विश्व ईवी दिवस पर सी आई आई द्वारा पंजाब सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया था, के दौरान डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि अमृतसर में इलेक्ट्रिक ऑटो (ई-ऑटो) को अपनाने की दिशा में भरपूर उत्साह देखा गया है। इस सम्मेलन ने साफ-सुथरी और टिकाऊ परिवहन व्यवस्था पर विचार-विमर्श हेतु अमृतसर के नीति निर्धारकों, शहर के अग्रणी नेताओं, विशेषज्ञों और ई-ऑटो ड्राइवरों को एक मंच पर लाया।
अपने उद्घाटन भाषण में पंजाब के स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक कुलवंत सिंह ने कहा कि पंजाब के खुशहाल और टिकाऊ भविष्य की रचना के लिए सभी नागरिकों का साझा दृष्टिकोण है। उन्होंने आगे बताया कि अमृतसर में 1,200 डीजल ऑटो को इलेक्ट्रिक ऑटो में बदलना प्रेरणादायक यात्रा रही, जो ठोस नीति और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से संभव हो सका। उन्होंने कहा कि इसी सफलता के आधार पर अब हम इलेक्ट्रिक बसें शुरू कर रहे हैं, जो सबसे पहले अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और एस ए एस नगर (मोहाली) जैसे प्रमुख शहरों में शुरू की जा रही हैं। इसके साथ ही पी एम आई डी सी द्वारा सरकार के साथ मिलकर सावधानीपूर्वक रूट रेशनलाइजेशन, चार्जिंग ढांचे और आधुनिकीकरण के बारे में योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जब हम पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेंगे, तो हमें चुनौतियों का सामना करने और पंजाब के विकास की गति को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।