चंडीगढ़, 27 अक्टूबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जिन पुलिस थाना क्षेत्रों में नशे के विरुद्ध पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है, उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जहां लापरवाही या ढिलाई बरती जा रही है, वहां सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखना चाहिए ताकि अन्य कर्मियों को भी संदेश जाए कि नशे के खिलाफ उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मान मिलेगा, और जहां नशा फैल रहा है वहां कठोर कदम उठाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री सैनी आज यहां नशा मुक्त भारत अभियान योजना के सम्बन्ध में आयोजित एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
सैनी ने निर्देश दिए कि नशा मुक्त घोषित गांवों का नियमित पुनर्मूल्यांकन किया जाए और अन्य राज्यों के साथ लगती प्रदेश की सीमा क्षेत्रों में हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ताकत बढ़ाई जाए। इसके साथ ही विशेषज्ञों को भी टीम में शामिल कर नशे की आपूर्ति पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को नशे के खिलाफ संयुक्त अभियान को तेज करने, एनफोर्समेंट, डी-एडिक्शन और अवेयरनेस के तीनों पहलुओं पर समान रूप से काम करने और पंचायतों को सक्रिय भागीदार बनाने का निर्देश दिया।
सैनी ने कहा कि हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अन्य सम्बंधित विभागों के साथ एक व्यापक अभियान चलाकर नशे की गिरफ्त में आए युवाओं की गंभीरता से स्क्रीनिंग सुनिश्चित करे। इस सम्बन्ध में तह तक जाकर पूरी जांच-पड़ताल की जाए। यह पता लगाया जाए कि नशा कहां से और किन स्रोतों से लाया जा रहा है। इस प्रकार नशे की पूरी सप्लाई चैन को पकड़कर उस पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सकेगा। हमारा उद्देश्य केवल नशे को रोकना नहीं है, बल्कि नशे की गिरफ्त में आए युवाओं को पुनः समाज की मुख्यधारा में जोड़ना है।
उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सेवा विभाग और स्वास्थ्य विभाग मिलकर नशे के खिलाफ संयुक्त अभियान की मुहीम को और तेज करें जिससे इस बुराई को जड़ से समाप्त किया जा सके। साथ ही, सभी संबंधित विभाग नशे के खिलाफ सशक्त अभियान में पंचायतों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। अच्छा कार्य करने वाली पंचायतों और सरपंचों को सम्मानित किया जाए। सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करते हुए प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं।
इसके उपरांत मुख्यमंत्री सैनी ने स्टेट प्रगति पोर्टल पर 75 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली विभिन्न 7 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी बैठक में ऐसे विभागों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए, जिनकी परियोजनाएं अंतर-विभागीय मुद्दों के कारण समय पर पूर्ण नहीं हो पा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी बैठकों में संबंधित विभागों की उपस्थिति से इन समस्याओं का तत्काल समाधान किया जा सकेगा, जिससे परियोजनाएं समय पर पूरी हों और नागरिकों को उनका लाभ शीघ्र मिल सके।
मुख्यमंत्री ने हिसार जिले में मिर्जापुर रोड से राष्ट्रीय राजमार्ग-9 को राष्ट्रीय राजमार्ग-52 से जोड़ने वाली चार लेन सड़क, बुढलाडा–रतिया–फतेहाबाद–भट्टू–भादरा सड़क निर्माण, घोगरीपुर से हरियाणा-दिल्ली सीमा तक दो लेन वाली रिलीफ रोड के निर्माण, नोएडा से फरीदाबाद होते हुए गुरुग्राम तक मास्टर रोड के निर्माण, पश्चिमी फरीदाबाद से पूर्वी फरीदाबाद तक निर्बाध संपर्क प्रदान करने वाली दो लिंक सड़कों के निर्माण, गुरुग्राम में नए न्यायिक परिसर (टॉवर ऑफ जस्टिस) तथा फतेहाबाद सेक्टर-9 में 200 बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि ये सभी महत्वपूर्ण परियोजनाएं निर्धारित समय सीमा के भीतर पूर्ण की जाएं ताकि प्रदेश के विकास कार्यों की गति और तेज हो सके।
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग डॉ. सुमित्रा मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण विभाग विनीत गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव सेवा विभाग जी अनुपमा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग अपूर्व कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग अनुराग, अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

