वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने वृद्धि के आंकड़े साझा करते हुए बताया कि राज्य ने अप्रैल से अक्टूबर 2025 तक शुद्ध जीएसटी के रूप में 15,683.59 करोड़ रुपये प्राप्त किए, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह प्राप्ति 12,907.31 करोड़ रुपये थी। इस प्रकार राज्य की जीएसटी प्राप्ति में 2,776 करोड़ रुपये की शानदार वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि इसके विपरीत वित्त वर्ष 2024-25 में अक्टूबर 2024 तक वृद्धि दर मात्र 3.8 प्रतिशत थी।
वित्त मंत्री ने आगे बताया कि अक्टूबर 2025 के लिए राज्य की शुद्ध जीएसटी प्राप्ति 2,359.16 करोड़ रुपये रही, जबकि अक्टूबर 2024 में यह प्राप्ति 2,061.23 करोड़ रुपये थी — यानी 298 करोड़ रुपये की वृद्धि, जो राज्य की निरंतर आर्थिक गति को दर्शाती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह वृद्धि सितंबर 2025 में लागू किए गए जीएसटी 2.0 सुधारों के बाद हुई है, जिनमें कई कर दरों को कम किया गया था।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा “कर दरों में कटौतियों और भयंकर बाढ़ जैसी कठिन परिस्थितियों के बावजूद, पंजाब की जीएसटी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो बेहतर अनुपालन, कर चोरी विरोधी पहलों और डिजिटल निगरानी प्रणालियों की सफलता को दर्शाती है। राज्य की 21.5 प्रतिशत की वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत 7 प्रतिशत से कहीं अधिक है, जिससे पंजाब उत्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हो गया है।”
उन्होंने आगे कहा कि अक्टूबर 2025 तक एसजीएसटी और आईजीएसटी के पोस्ट-सेटलमेंट आंकड़े पंजाब की वित्तीय मजबूती की और पुष्टि करते हैं, क्योंकि राज्य की समग्र वृद्धि दर हरियाणा को छोड़कर सभी पड़ोसी राज्यों से अधिक रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह प्रदर्शन पंजाब के व्यापार और उद्योग की लचीलापन को दर्शाता है, विशेष रूप से यह देखते हुए कि इस अवधि में राज्य के लगभग आधे जिले बाढ़ से प्रभावित थे।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इन उपलब्धियों का श्रेय आबकारी और कर विभाग की डेटा विश्लेषण क्षमता, डिजिटल एकीकरण, सख्त फील्ड प्रवर्तन और रणनीतिक दृष्टिकोण को दिया। उन्होंने विभाग की इस प्रतिबद्धता को दोहराया कि वह ईमानदार करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाएगा, कर चोरी पर सख्ती करेगा और पारदर्शी तथा कुशल कर प्रशासन के माध्यम से पंजाब की आर्थिक पुनर्जीवित प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा।

