चंडीगढ़, 6 अगस्त। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा करते हुए कहा कि ओलंपिक में अब चौथे स्थान पर रहने वाले प्रदेश के प्रत्येक खिलाड़ी को 50-50 लाख रुपये की राशि प्रदान की जायेगी। राज्य की खेल नीति में ओलम्पिक खेलों में चौथे स्थान पर रहने वाले खिलाडिय़ों के लिए अभी तक कोई प्रावधान नहीं था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओलंपिक खेलों में भाग लेना अपने आप में गर्व की बात है। राज्य की खेल नीति के अनुसार इन खेलों में किसी कारणवश पदक न लाने वाले खिलाड़ियों के लिए भी प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान है। इसके अनुसार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को 15-15 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जायेगी, जिनमें से प्रत्येक खिलाड़ी को 5-5 लाख रुपये की राशि खेलों के शुरू होने से पूर्व दी जा चुकी है तथा शेष 10-10 लाख रुपये की राशि खिलाडिय़ों के ओलम्पिक सम्पन्न होने के बाद वापिस लौटने पर दी जायेगी।
मुख्यमंत्री आज रोहतक में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की खेल नीति में ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 6 करोड़ रुपये, रजत पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 4 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 2.5 करोड़ रुपये की राशि देने का प्रावधान किया गया है। इस नीति में ओलम्पिक खेलों में चौथे स्थान पर रहने वाले खिलाडिय़ों के लिए अभी तक कोई प्रावधान नहीं था, परंतु अब चौथे स्थान पर रहने वाले प्रदेश के प्रत्येक खिलाड़ी को 50-50 लाख रुपये की राशि प्रदान की जायेगी।
राज्य सरकार द्वारा ओलम्पिक खेलों में पदक प्राप्त करने वाले एवं प्रतिभागिता करने वाले खिलाडिय़ों को सम्मानित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की पुरुष हॉकी टीम ने 41 वर्षों के बाद ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। इस टीम में प्रदेश के दो खिलाड़ी शामिल हैं, जिन पर सभी को गर्व है।
उन्होंने कहा कि महिला हॉकी टीम ने भी बहादुरी के साथ कांस्य पदक के लिए मैच खेला। महिला हॉकी टीम में प्रदेश की 9 खिलाड़ी हैं। सरकार द्वारा इन सभी 9 खिलाडिय़ों को 50-50 लाख रुपये की राशि प्रदान की जायेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के पहलवान रवि दहिया ने ओलम्पिक खेलों में रजत पदक जीतकर देश व प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने पहलवान बजरंग पुनिया को कांस्य पदक के लिए होने वाले मैच के लिए शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि वे देश के लिए कांस्य पदक जीतेंगे।
मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में खेल सुविधाओं को बढावा देते हुए प्रदेश को खेलों का हब बनाया जायेगा। देश की मात्र 2 प्रतिशत जनसंख्या होने के बावजूद ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाले देश के खिलाडिय़ों में लगभग 25 प्रतिशत भागीदारी प्रदेश के खिलाडिय़ों की है, जो गौरव का विषय है।
उन्होंने कहा कि खेलों में हार-जीत का विषय महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि देश के लिए जज्बे के साथ खेलना महत्वपूर्ण होता है। प्रदेश के सभी ग्रामीण स्टेडियम में खेल सुविधाओं को बढ़ावा दिया जायेगा। प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल नर्सरियों की संख्या बढ़ाई जायेगी। इन खेल नर्सरियों में सरकार द्वारा खिलाडिय़ों को अच्छी डाइट, कोच की सुविधा एवं बुनियादी ढांचागत सुविधाएं दी जा रही हैं ।
मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरुस्कार के स्थान पर केंद्र सरकार द्वारा शुरू किये गये मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरुस्कार के संदर्भ में पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि ऐसा करने से खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन मिलेगा। केंद्र सरकार द्वारा विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले खिलाड़ी के नाम पर खेल रत्न पुरुस्कार का नामकरण किया गया है।