चंडीगढ़, 9 सितंबर। देश में गन्ने का सर्वाधिक भाव हरियाणा में दिया जा रहा है ।
इस बार भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसानों को गन्ने के भाव में 12 रुपए की बढोतरी कर 362 रूपये प्रति किवंटल देने का निर्णय लिया है।
जोकि न केवल पंजाब से अधिक है बल्कि पूरे देश में सर्वाधिक हो गया है।
यह जानकारी आज कृषि व किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल की मौजूदगी में गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी।
उन्होंने कहा कि यह बढौतरी मुख्यमंत्री द्वारा इस बात को ध्यान में रखकर की गई है ताकि हमारे राज्य के किसानों के हितों को बरकरार रखा जा सके।
दलाल ने कहा कि बैठक में गन्ना किसानों व मिलों की स्थिति, चीनी के भाव और अन्य विषयों पर चर्चा हुई है।
उन्होंने कहा कि लिए गए निर्णय के अनुसार अब गन्ने की अगेती किस्म के लिए 362 रूपए प्रति क्विंटल व पछैती किस्म के लिए 355 रुपए प्रति क्विंटल का भाव दिया जाएगा जोकि पहले 340 रुपए प्रति क्विंटल था।
उन्होंने कहा कि पिछले साल के सभी निजी व सहकारी चीनी मिलों की रिकवरी गन्ने की क्वालिटी कमजोर रहने की वजह से 0.34 घटी है इस बार जो रिकवरी आई है 10.58 से घटकर 10.24 आई है।
उन्होंने कहा कि बुआई की जा रही गन्ने की इस किस्म के अंदर यह महसूस किया गया कि आज जो बीज चल रहे है जीसी किस्म 0238 में कुछ बिमारिया भी आ रही है इसलिए केंद्र व एचएयू के वैज्ञानिकों से चर्चा करने के उपरंात कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई किस्म 15023 विकसित की है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में बुआई की जा रही गन्ने की किस्म से सामान्यत: 10.50 प्रतिशत के आस-पास चीनी की रिकवरी आती है, जबकि विकसित की गई 15023 नई गन्ने की किस्म की रिकवरी 14 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद जताई जा रही है।
दलाल ने कहा कि जल्द से इस किस्म को किसानों तक पहुचांने का काम किया जाएगा जिससे यह संभावना भी बन रही है कि चीनी का उत्पादन 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि इस नई किस्म के आने से किसानों के साथ- साथ शुगर मिल व सरकार को भी लाभ मिलेगा।
दलाल ने वैज्ञानिकों के अच्छे कार्य को देखते हुए कहा कि कृषि विभाग वैज्ञानिकों को अधिक से अधिक नई किस्म के गन्ने के बीज का उत्पादन करने के लिए जल्द ही जमीन भी उपलब्ध कराएगा ताकि इस नई किस्म के बीज को जल्दी से जल्दी किसानों के पास पहुचाया जा सकें।
उन्होंने कहा कि इस बार सभी चीनी मिलों को नवंबर के प्रथम सप्ताह में संचालित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी फसल को समय पर पिराई किया जा सके।
उन्होंने कहा कि शुगर मिल जल्दी चलने से किसानों को अधिक लाभ मिलेगा जिससे कि किसान अपनी अगामी फसल की बुआई कर सकेंगे।
उन्होंने कहा इस बार सभी शुगर मिल को पिछले साल से जयादा गन्ना आंबटित किया जाएगा और किसी भी शुगर मिल की मात्रा कम नही की जाएगाी।
कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा गन्ना उत्पादन मे अच्छा राज्य है और प्रदेश की एक शुगर मिल नारायणगढ को छोडकर बाकी सभी चीनी मिलों का भुगतान शत प्रतिशत कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समय पर गन्ना किसानों की पैमेंट करवाने के लिए प्रयत्नशील है और समय पर भुगतान भी कराती है।
इससे पूर्व, बैठक के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तथा सहकारिता मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि चीनी मिलों को घाटे से उभारने के लिए विकल्पों की तलाश की जाए और एथोनॉल के प्लांट भी संबंधित मिलों में जल्द से जल्द स्थापित किए जाएं।