चंडीगढ़, 4 अक्टूबर। आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता राघव चड्ढा ने लखीमपुर खीरी प्रकरण पर केंद्र व यूपी सरकार को निशाने पर ले लिया है।
यहां विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा व विधायक राघव चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि जिस प्रकार एक समय राजा-महाराजा और अंग्रेज आम लोगों को हाथी-घोड़ों के नीचे कुचलवा देते थे, केंद्र की मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में भी अत्याचारी अंग्रेज शासकों की आत्मा प्रवेश कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के विरोध में ‘आप’ का एक शिष्टमंडल लखीमपुर खीरी जा रहा है।
चड्ढा ने यह भी बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय सिंह पार्टी के अन्य स्थानीय नेताओं के साथ पहले ही लखीमपुर खीरी मौजूद हैं, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया हुआ है।
चड्ढा ने कहा कि लखीमपुर खीरी जाकर आप शिष्टमंडल द्वारा तीन प्रमुख मांगे रखी जाएंगी। पहली मांग भाजपा के उस लाडले बेटे आशीष, जिसने अपने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पिता अजय मिश्रा के रसूख में चूर होकर किसानों की हत्या की, उसे गिरफ्तार करवाना रहेगी।
दूसरी मांग मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को यकीनन सजा दिलवाने की रहेगी। निष्पक्ष जांच के लिए तीसरी मांग केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की है, क्योंकि गृह मंत्री के पद पर रहने तक निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।
राघव चड्ढा ने कहा कि सभी जांच एजेंसी गृह मंत्री के अधीन होती हैं, इस कारण अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी के नरसंघार ने उत्तर प्रदेश सरकार और शासन को लहूलुहान कर दिया है।
नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि तीन काले कृषि कानून बनाए जाने के बाद से किसान शांतिपूर्वक ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन, लखीमपुर खीरी में जिस प्रकार किसानों की निर्मम हत्या को अंजाम दिया गया, भाजपा सरकार के इतिहास में यह काला दिन कहलाया जाएगा।
चीमा ने कहा कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर दिए हैं और भाजपा सरकार केवल अपने नेता और मंत्रियों को बचाने के प्रयास में जुटी है।