चंडीगढ़, 12 अक्टूबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि वेस्ट वॉटर को ट्रीट करने के बाद उसका अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री यहां वेस्ट वाटर के पुनः इस्तेमाल संबंधी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इन दौरान तकनीकी पहलुओं के बारे में भी जाना।
उन्होंने कहा कि भविष्य में जल के संकट को देखते हुए जहां-जहां ट्रीटेड पानी का उपयोग किया जा सकता है, वहां पर अधिक से अधिक मात्रा में इसका उपयोग करने के लिए योजना बनाकर कार्य करें।
उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारियों की इस विषय पर स्पेशल बैठक बुलाकर काम को सिरे चढ़ाया जाए।
एक अथॉरिटी करे पूरी देखरेख
मुख्यमंत्री ने कहा कि शोधित जल का अधिक से अधिक इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए एक अथॉरिटी तय की जानी चाहिए ताकि योजना को सही तरीके से क्रियान्वित किया जा सके। यह अथॉरिटी ही सभी संबंधित विभागों स्थानीय निकायों, एच एसआईआईडीसी एवं अन्य प्राधिकरणों से तालमेल बनाकर योजना को आगे बढ़ाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शोधित जल का अधिक से अधिक इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए एक अथॉरिटी तय की जानी चाहिए ताकि योजना को सही तरीके से क्रियान्वित किया जा सके। यह अथॉरिटी ही सभी संबंधित विभागों स्थानीय निकायों, एच एसआईआईडीसी एवं अन्य प्राधिकरणों से तालमेल बनाकर योजना को आगे बढ़ाए।
पावर प्लांटों के लिए हो आपूर्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि पावर प्लांट में इस्तेमाल किए जाने के लिए शोधित जल की आपूर्ति की जानी चाहिए। इसके लिए जो भी आवश्यक तकनीक या इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना हो उसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। इससे भविष्य के लिए पीने योग्य पानी की अधिक से अधिक बचत हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पावर प्लांट में इस्तेमाल किए जाने के लिए शोधित जल की आपूर्ति की जानी चाहिए। इसके लिए जो भी आवश्यक तकनीक या इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना हो उसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। इससे भविष्य के लिए पीने योग्य पानी की अधिक से अधिक बचत हो सकेगी।
भवन निर्माण और इंडस्ट्री में भी हो शोधित जल का इस्तेमाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जहां-जहां औद्योगिक क्लस्टर हैं, वहां पर उद्योगों में इस्तेमाल के लिए शोधित जल की आपूर्ति की जानी चाहिए। इसके अलावा भवन निर्माण साइटों पर भी शोधित जल का इस्तेमाल किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जहां-जहां औद्योगिक क्लस्टर हैं, वहां पर उद्योगों में इस्तेमाल के लिए शोधित जल की आपूर्ति की जानी चाहिए। इसके अलावा भवन निर्माण साइटों पर भी शोधित जल का इस्तेमाल किए जाने की आवश्यकता है।