शिमला, 14 अक्तूबर। जस्टिस मोहम्मद रफीक ने शिमला में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पद की शपथ ग्रहण की।
राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद की शपथ दिलाई।
इस मौके पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और उनकी धर्मपत्नी डाॅ. साधना ठाकुर भी मौजूद थे।
जस्टिस मोहम्मद रफीक का जन्म राजस्थान में चुरू जिले के सुजानगढ़ में 25 मई, 1960 को हुआ।
उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से वर्ष 1980 में बी. काॅम, वर्ष 1984 में एल.एल.बी. और वर्ष 1986 में एम.काॅम की डिग्री हासिल की।
8 जुलाई, 1984 को राजस्थान बार काउंसिल में पंजीकरण के बाद उन्होंने वकील के रूप में कार्य आरम्भ किया।
उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट (जयपुर) में विधि की लगभग सभी शाखाओं में प्रैक्टिस की।
उन्होंने 15 जुलाई, 1986 से 21 दिसम्बर, 1987 तक राजस्थान राज्य के सहायक राजकीय अधिवक्ता और 22 दिसम्बर, 1987 से 29 जून, 1990 तक उप राजकीय अधिवक्ता के रूप में कार्य किया।
उन्होंने वर्ष 1993 से 1998 तक राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से हाईकोर्ट के पैनल अधिवक्ता के रूप में पैरवी की।
उन्होंने वर्ष 1992 से 2001 तक स्टैंडिंग काउंसिल के रूप में हाईकोर्ट के सामने यूनियन ऑफ इंडिया का प्रतिनिधित्व किया।
उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट के सामने भारतीय रेलवे, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्थान मुस्लिम वक्फ बोर्ड, जयपुर विकास प्राधिकरण, राजस्थान हाउसिंग बोर्ड और जयपुर नगर निगम का प्रतिनिधित्व भी किया।
वह 7 जनवरी, 1999 को राजस्थान राज्य के एएजी नियुक्त किए गए और बैंच के लिए स्तरोन्नत होने तक इसी पद पर कार्यरत रहे।
वह 15 मई, 2006 को राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए।
वह 7 अप्रैल, 2019 से 4 मई, 2019 और 23 सितम्बर, 2019 से 5 अक्तूबर 2019 तक दो बार राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे।
मुख्य न्यायाधीश बनने से पूर्व वह राजस्थान राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश भी रहे।
वह 13 नवम्बर, 2019 से 26 अप्रैल, 2020 तक मेघालय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रहे। बाद में वे 27 अप्रैल, 2020 को उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। वे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की शपथ ली।