चंडीगढ़, 15 अक्तूबर। हरियाणा के लोगों को अच्छी सुविधाएं देने के लिए हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए), अम्बाला के सहयोग से एक अनूठी पहल की है।
यह देश का ऐसा पहला आयोग है, जिसने ऑटो अपील सॉफ्टवेयर शुरू करने के दो महीने के भीतर ही ऐसा दूसरा कार्य कर दिखाया है, जो दूसरे किसी भी राज्य में नहीं किया गया।
साथ ही, आयोग ही एकमात्र ऐसा आयोग है, जिसने देश में सबसे पहले ऑटो अपील सॉफ्टवेयर शुरू किया और अब विधिक सेवाएं प्राधिकरण के साथ मिलकर सेवा प्रदायगी में सुधार की बड़ी पहल की है।
यह बात हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण (नालसा) के तत्वावधान में पूरे हरियाणा में मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की कड़ी में जिला अंबाला में महर्षि मारकंडेश्वर यूनिवर्सिटी, मुलाना में बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि डीएलएसए, अम्बाला ने सरकार की सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचाने की दिशा में सराहनीय कार्य किया है।
गुप्ता ने मौके पर ही मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत दंपत्तियों के माता-पिता को मिठाई के डिब्बे के साथ 1100 रुपये दिए। साथ ही, विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को मौके पर ही लोन मंजूर कर लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र भी सौंपे।
डीएलएसए, अम्बाला की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुखदा प्रीतम द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए,गुप्ता ने कहा कि डीएलएसए, अम्बाला ने इस आयोजन के लिए सराहनीय प्रयास किए हैं।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम बड़े ही सुनियोजित ढंग से आयोजित किया गया है, जहां लोगों को उनसे जुड़े मुद्दों के बारे में काफी जानकारी मिलेगी।
उन्होंने कहा कि डीएलएसए, अंबाला के लिए एक और उपलब्धि यह रही कि जिन लोगों ने सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन किया था, उनका काम मौके पर ही हो गया।
गुप्ता ने कहा कि लोगों को समयबद्ध सेवाएं देने के लिए हरियाणा में ऑटो अपील सिस्टम यानी ‘आस’ लागू किया गया है।
अब किसी भी प्रकार की ऑनलाइन सेवा व योजना के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है। उसकी पैरवी सिस्टम अपने-आप करेगा।
उसके बाद भी अगर निर्धारित समय पर कार्य नहीं होता है तो उसकी अपील अपने आप एसडीएम, एडीसी तथा डीसी के पास चली जायेगी। इसके बाद भी निर्धारित समय पर काम नहीं होता है तो उसका आवेदन आयोग के समक्ष अपने-आप चला जाएगा।
गुप्ता ने कहा कि इस प्रणाली से आयोग हर कर्मचारी व अधिकारी पर नजर रखेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों व कर्मचारियों को सेवाओं को देने का अपना नजरिया बदलें। अब कोई भी आवेदन बिना आवेदक से बात किए रिजेक्ट नहीं किया जाएगा।
उन्होंने
कहा कि प्रदेश के लोगों को संतुष्टिपूर्ण सेवाएं देने के मकसद से अब पोर्टल पर कस्टमर रेटिंग की बजाय हैप्पीनेस रेटिंग किया जाएगा।हैप्पीनेस रेटिंग के तहत सेवाएं व योजनाएं लेने वाले नागरिक के पास अधिकार है कि वह कुल पांच नंबर में से अधिकारियों को कितने नंबर देगा।
इन अंकों से पता चल सकेगा कि लोग राज्य सरकार की सेवाओं से कितने संतुष्ट हैं।
उन्होंने कहा कि इसके लिए अधिकारियों को काम के साथ-साथ अपने व्यवहार में भी बदलाव लाना होगा ताकि आवेदक खुश होकर 5 में से कम से कम चार नंबर अवश्य दें।