चंडीगढ़, 20 अक्तूबर। Punjabi भाषा पर CBSC के फैसले से पंजाब नाराज हो गया है।
यह नाराजगी CBSC द्वारा 10वीं व 12वीं की जारी हुई date sheet को लेकर पैदा हुई है।
इस डेटशीट में Punjabi (पंजाबी) विषय को मुख्य विषय से बाहर कर दिया गया है।
पंजाब सरकार ने इस पर एतराज जताते हुए CBSC से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने की गुजारिश की है।
यह मामला पंजाब के शिक्षा व हायर एजूकेशन व भाषाएं विभाग के मंत्री परगट सिंह ने उठाया है।
उन्होंने जारी एक बयान में CBSC के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सवाल खड़े कर दिए हैं।
परगट सिंह ने regional भाषाओं को माइनर विषयों में शामिल करने के कदम को गलत करार दिया है।
उन्होंने कहा कि यह कदम छात्रों को उनकी मातृ भाषा से दूर करने की साजिश है।
मंत्री ने कहा कि CBSC का फैसला राज्यों को छात्रों के साथ अन्याय है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह फैसला देश के संविधान की मूल भावना के विपरीत है।
मंत्री ने दलील दी कि कम से कम संबंधित राज्यों को वहां की मातृ भाषा को मुख्य विषयों में रखना चाहिए।
उन्होंने उदाहरण दिया कि पंजाब की मातृ भाषा Punjabi है। पंजाब में इसी भाषा को मुख्य विषय में रखना चाहिए।
इसी तरह हर राज्य में वहां की स्थानीय मातृ भाषा मुख्य विषयों में शामिल होनी चाहिए।
मंत्री ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वो यह मामला केंद्रीय शिक्षा मंत्री के सामने भी उठाएंगे।
Punjabi भाषा मुद्दे पर सियासत बढ़ने के आसार
कुल मिलाकर यह नया मुद्दा पंजाब व केंद्र के बीच नए विवाद का कारण बन गया है।
पंजाब द्वारा उठाई गई आपत्ति पर केंद्र अथवा CBSC का क्या रुख रहेगा ये देखना रोचक होगा।
बहरहाल, यह मुद्दा ठीक उस समय उठा है जब पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
पंजाब में इन दिनों सियासत तेज है और यह मुद्दा भी निश्चत तौर पर राजनीति के केंद्र में दिखेगा।