शिमला, 28 अक्तूबर। Great Wall of Shimla हिमाचल में दिलचस्पी का विषय बन गया है।
इस अनूठी कलाकृति का आज हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने लोकार्पण किया।
यह कलाकृति वेस्ट टू वेल्थ इनिशिएटिव के तहत बनाई गई है।
इस कलाकृति को ऑर्किड शिमला द्वारा बनाया गया है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि आर्किड शिमला ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई शुरुआत की है।
Great Wall of Shimla के माध्यम से व्यर्थ सामग्री का कलात्मक तरीके से उपयोग करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है।
राज्यपाल ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण में संरक्षण को महत्व दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे त्योहारों का आयोजन भी पर्यावरण को ध्यान में रखकर किया जाता है।
भारतीय संस्कृति में वृक्षों की पूजा की जाती है।
उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व हमारे विचारों, परम्पराओं और संस्कृति को अपना रहा है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की पर्यावरण अनुकूल परियोजनाओं से लोगों की मानसिकता बदलेगी।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य होगा, जहां लोग पर्यावरण संरक्षण पर अधिक जागरूक होंगे।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण, पर्यटन और विकास एक दूसरे के पूरक हैं।
उन्होंने ऑर्किड शिमला के प्रयासों की भी सराहना की।
लेडी गवर्नर अनघा आर्लेकर और अन्य इस अवसर पर मौजूद थे।
Great Wall of Shimla की यह है खासियत
यह लगभग 5 लाख अपशिष्ट बोतलों के ढक्कन और कार्बन मुक्त रिसाइकल्कड प्लास्टिक का उपयोग बनाई गई है।
दरअसल, यह लगभग 275 फुट लंबा और 15 फुट ऊंचा का सबसे बड़ा भित्ति चित्र बनाया गया है।
इस भित्ति चित्र को स्कूली बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और शिमलावासियों द्वारा बनाया गया है।

