चंडीगढ़, 30 अक्तूबर। हरियाणा में DAP खाद की किल्लत के शोर के बीच सरकार ने अब fertilizer vendors के गोदामों पर नजरें गड़ा दी हैं।
इसके लिए प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों को मुस्तैद रहने को कहा गया है।
सरकार ने यह कदम रबी सीजन को देखते हुए उठाया है।
उल्लेखनीय है कि विपक्षी दल राज्य में DAP खाद की किल्लत पर सरकार को घेरे हुए हैं।
किसानों और खेती से जुड़ा यह मामला सियासत में भी खूब उछल रहा है।
fertilizer vendors के लेवल पर मिली कमियां तो होगा एक्शन
सरकार ने अपने अमले को सख्त हिदायत दी है कि वे fertilizer vendors के गोदामों को चैक करते रहें।
यदि कहीं खाद वितरण, भंडारण या सेल में कोई खामी पाई जाती है तो उस पर तुरंत एक्शन लें।
सरकार ने साफ किया है कि यदि कमी मिलती है तो fertilizer vendors का लाइसेंस तक सस्पेंड हो सकता है।
इन हिदायतों के साथ सरकारने खाद निरीक्षकों से रिपोर्ट भी तलब कर ली है।
सरकारी प्रवक्ता ने दावा किया है कि किसानों के लिए जिलों में खाद की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।
दूसरी ओर किसानों से भी कहा गया है कि वे धैर्य रखें और खाद का स्टॉक न करें।
प्रवक्ता ने बताया कि रबी सीजन के दौरान बिजाई की जाने वाली फसलों के अनुरूप मांग कर ली गई है।
इस तरह नवंबर के प्रथम सप्ताह में DAP खाद भरपूर मात्रा में उपलब्ध होगा।
उन्होंने बताया कि सरकार ने हर जिले में DAP खाद के रैक अलॉट कर दिए हैं।
जिनकी सप्लाई सीधे जिलों के कृषि विभाग व कॉपोरेटिव सोसाइटियों में कर दी जाएगी।
विपक्ष लगातार हमलावर, सैलजा ने फिर साधा निशाना
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने किसानों को बिजाई के लिए डीएपी नहीं मिल रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि डीएपी की जमकर कालाबाजारी हो रही है।
सैलजा ने कहा कि इतिहास में यह पहली सरकार है जिसके चलते थानों में खाद बांटनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि किसानों को घंटों लाईन में खड़े होना पड़ रहा है।