मुंबई, 19 फरवरी। भारत International Olympic Committee (IOC) का मेजबान बनने जा रहा है। कमेटी की अगली बैठक मुंबई के ‘जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर’ में होगी।
साल 2023 में होने वाली बैठक को लेकर वोटिंग में भारत ने एकतरफा मेजबानी का अधिकार हासिल कर लिया।
(In the voting for this meeting to be held in the year 2023, India unilaterally acquired the right to host.)
वोटिंग में भारत को 76 मतों में से 75 वोट मिले।
इस उपलब्धि से IOC की मेंबर और Reliance Foundation की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने इसे भारत के लिए गर्व का क्षण बताया।
भारत ने International Olympic Committee की बैठक की दमदार पैरवी की
उन्होंने कहा कि भविष्य में युवा ओलंपिक और ओलंपिक खेलों को भारत लाना हमारा सपना है।
हम इस साझेदारी को और मजबूत करना चाहते हैं।
नीता अंबानी ने कहा कि ओलंपिक मूवमेंट 40 साल के इंतजार के बाद भारत वापस आ रहा है।
यह भारतीय खेलों के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में नीता अंबानी (Neeta Ambani), आईओए (IOA) के अध्यक्ष डॉ नरिंदर बत्रा शामिल थे।
इसके अलावा युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और निशानेबाजी में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा शामिल थे।
भारत में चार दशकों बाद इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के सत्र का आयोजन होगा।
(International Olympic Committee session will be held in India after four decades.)
पिछला आयोजन 1983 में हुआ था।
सत्र में IOC के सदस्य ओलंपिक चार्टर और ओलंपिक के मेजबान शहर के चुनाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करते हैं।
डॉ. नरिंदर बत्रा ने कहा कि यह भारत के खेल के लिए एक नए युग की शुरुआत है।
हम चाहते हैं कि ओलंपिक मूवमेंट (Olympic Movement) अगली पीढ़ी के भविष्य के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाए।
2023 में मुंबई को सत्र की मेजबानी देना नई खेल क्षमता को प्रदर्शित करने की दिशा में पहला कदम होगा।