चंडीगढ़ 25 अप्रैल : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 95 साल की उम्र में अपनी अंतिम साँसे ली। कुछ दिनों पहले तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मोहाली के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
उन्हें पंजाब की राजनीति का आचार्य भी कहा जाता है। उनके राजनीतिक जीवन में अनेकों उतर चढ़ाव रहे। वर्ष 1947 से अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत काने वाले प्रकाश सिंह बदल ने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीता भी। उन्होंने पंजाब के मुख्यनत्री के तौर पैर 5 बार शपथ ली। वे मोरारजी देसाई के शासनकाल में भी सांसद बने। केंद्र सरकार दो दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा करेगी।
प्रकाश सिंह बादल का जन्म 8 दिसंबर 1927 को पंजाब के गाँव अबुल खुराना में हुआ। उनकी पत्नी सुरिंदर कौर का निधन 2011 में कैंसर से हुआ था। उनके देहांत के पश्चात् प्रकाश सिंह बदल ने कैंसर के खिलाफ कमर कस ली। कैंसर पीड़ितों के लिए सीएम रिलीफ फण्ड शुरू करवाया ताकि पीड़ितों का इलाज हो सके।
प्रकाश सिंह बादल को 30 मार्च 2015 में पद्मा विभूषण से भी सम्मानित किया गया था। उन्हें पंथ रत्न अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। 2020 में किसान आंदोलन के समय उन्होंने पद्मा विभूषण वापस कर दिया।
उनकी पार्टी शिरोमणि अकाली दाल भाजपा की सहयोगी थी, लेकिन 3 कृषि बिल पास होने पर सितम्बर 2020 में इनकी पार्टी ने NDA से रिश्ता तोड़ लिया। इनकी बहु और पार्टी की भठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बदल ने भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। पांच बार मुख्यमंत्री रहने के बावजूद इनकी पार्टी को 2022 के विधानसभा चुनावों में बड़ी हार का सामना करना पड़ा। आमा आदमी पार्टी की ओर जनता के रुझान इनकी हार की बहुत बड़ी वजह बना।
प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ के सेक्टर 28 स्थित अकाली दाल के कार्यालय लाया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तथा अन्य नेताओं ने बादल के निधन पर शोक व्यक्त किया।