• पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2022 में ‘कैंपस उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान’ श्रेणी में देश भर में तीसरा रैंक प्राप्त हुआ
बठिंडा, 18 जून:
शनिवार को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय जल पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्थायी जल प्रथाओं को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय प्रयासों के लिए पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा (सीयूपीबी) के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी को प्रतिष्ठित जल पुरस्कार से सम्मानित किया। भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। इस समारोह के दौरान पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2022 में ‘कैंपस उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान’ श्रेणी में देश भर में तीसरा रैंक हासिल करने के लिए जल पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने चतुर्थ राष्ट्रीय जल पुरस्कार, 2022 की 11 श्रेणियों में चुने गए संयुक्त विजेताओं सहित 41 विजेताओं को सम्मानित करने हेतु पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ने पंजाब राज्य की पानी की चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से कई पहल की हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय परिसर में जल संसाधन संरक्षण, प्रबंधन और जल के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे की स्थापना की है। इन्ही भगीरथ प्रयासों के फलस्वरूप ही पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार विजेताओं की सूची में स्थान प्राप्त किया है।
इस समारोह में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के अलावा, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड, जम्मू और कश्मीर, और मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद ने भी क्रमश: प्रथम और द्वितीय रैंक प्राप्त करने हुए ‘परिसर उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान‘ श्रेणी में जल पुरस्कार प्राप्त किया है।
पुरस्कार समारोह के दौरान कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी और डॉ. सुनील मित्तल (पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, सीयूपीबी) को विश्वविद्यालय परिसर में स्थायी जल प्रथाओं को बढ़ावा देने में उनके उल्लेखनीय प्रयासों के लिए एक प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और 1 लाख रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
समारोह में बोलते हुए, भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने जल संरक्षण और प्रबंधन में सराहनीय कार्य करने के लिए सभी विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने सभी नागरिकों से जल संरक्षण को अपने दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने की अपील की, ताकि जन आंदोलन की भावना द्वारा जल आंदोलन को गति दी जा सके।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने जल पुरस्कार प्रदान करने के लिए माननीय उपराष्ट्रपति और माननीय केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार जल संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देने हेतु सीयूपीबी समुदाय द्वारा किए समर्पित प्रयासों के परिणामस्वरुप प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ‘जल समृद्ध भारत‘ के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु युवाओं को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करने और इस विषय पर अनुसंधान आधारित अभिनव समाधान को बढ़ावा देते हुए अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर प्रो. तिवारी ने सीयूपीबी छात्रों और कर्मचारियों से अपील की कि वे स्थायी जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए पानी की हर एक बूंद को सुरक्षित रखने के मिशन को अपनाएं।