केंद्र द्वारा आर.डी.एफ के 3622.40 करोड़ रुपए जारी न करने के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित
चंडीगढ़, 20 जून :
पंजाब विधान सभा ने केंद्र सरकार की तरफ से ग्रामीण विकास फीस ( आर. डी. एफ.) के पिछले चार सीज़न के 3622. 40 करोड़ रुपए जारी न करने ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास किया है। यह सरकारी प्रस्ताव पंजाब के कृषि और किसान भलाई मंत्री स.गुरमीत सिंह खुड्डियां की तरफ से दो दिवसीय पंजाब विधान सभा सैशन के आज आखिरी दिन पेश किया गया।
सदन में चर्चा के बाद यह प्रस्ताव पास किया गया। ज़िक्रयोग्य है कि केंद्र की तरफ से गेहूँ और धान की फ़सल के कम से- कम समर्थन मूल्य ( एम.एस.पी.) के 3 प्रतिशत की दर के साथ ग्रामीण विकास फीस ( आर.डी.एफ.) और मार्किट विकास फीस ( एम.डी.एफ.) जारी की जानी थी।
स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने केंद्र के इस कदम को मनमानी और दबाव डालने वाला बताते हुए कहा कि केंद्र की तरफ से पंजाब के साथ किए जा रहे सौतेली माँ वाले सलूक ख़िलाफ़ मुख्य मंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार डट कर संघर्ष करेगी। उन्होंने दोहराया कि आर.डी.एफ. राज्य का कानूनी अधिकार है।
1962 के उन दिनों, जब उस समय के प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नहरू के एक बुलावे पर पंजाबियों ने देश को संकट में से निकालने के लिए सोने के गहनों और करोड़ों रुपए सहित अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया था, को याद करते स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि केंद्र सरकार को आज़ादी संग्राम और देश को अनाज में आत्म-निर्भर बनाने में पंजाब के बेमिसाल योगदान को याद करना चाहिए।
इस प्रस्ताव में कहा गया, ” भारत सरकार की तरफ से पिछले चार सीज़न ( के.एम.एस. 2021- 22 आर.एम.एस. 2022- 23, के.एम.एस. 2022- 23 और आर.एम.एस. 2023- 24) की देहाती विकास फीस ( आर. डी.एफ.) जारी न किए जाने कारण पंजाब राज्य के देहाती विकास कामों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। पंजाब विधान सभा इस बात का सख़्त विरोध करती है कि पंजाब देहाती विकास एक्ट, 1987 में भारत सरकार के निर्देशों अनुसार ज़रूरी शोध को मौजूदा राज्य सरकार की तरफ से इस पवित्र सदन से पास करवाने और इस उपरांत तारीख़ 18. 07. 2022 को नोटिफिकेशन को सरकारी गज़ट में प्रकाशित करने के बावजूद भारत सरकार ने पंजाब से पिछले चार सीज़न दौरान खरीदी गई खेती उपज पर 3 फ़ीसद की दर के साथ बनती 3622. 40 करोड़ रुपए की अब तक रोकी गई और देहाती विकास फीस की रकम जारी नहीं की है। ”
कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब ने भारत के किसी भी अन्य राज्य के मुकाबले बहुत बड़ा मार्किट बुनियादी ढांचा तैयार किया हुआ है। इस तरह एकत्रित की गई देहाती विकास फीस का प्रयोग सिर्फ़ राज्य के किसानों की भलाई, ग्रामीण मंडियों और ग्रामीण लोक सड़कों के रख- रखाव और निर्माण सहित ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाता है जिससे खेती उपज नज़दीकी मंडियों तक आसानी के साथ पहुंचाई जा सकें। इस तरह भारत सरकार की तरफ से ग्रामीण विकास फीस जारी न किए जाने कारण पंजाब राज्य के सभी देहाती विकास कार्य ठप्प हो रहे है।
इस दौरान सदन ने राज्य सरकार को सिफारश की कि वह केंद्र सरकार की तरफ से रोकी गई 3622. 40 करोड़ की देहाती विकास फीस को तुरंत जारी करवाने के लिए केंद्र सरकार के पास पहुँच करे, जिससे पंजाब राज्य के किसानों और ग्रामीण आबादी की भलाई के लिए निर्विघ्न विकास कामों को जारी रखा जा सके।