नई दिल्ली के प्रगति मैदान में शुरू हुआ पांच दिवसीय आहार मेला
नई दिल्ली, 08 मार्च। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 7 मार्च से 11 मार्च तक चलने वाले आहार अंतरराष्ट्रीय खाद्य एवं आतिथ्य मेले में हरियाणा की ओर से भी खाद्य उत्पाद व मशीनरी से संबंधित विभिन्न स्टॉल लगाई गई है। इस मेले में देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही विदेशी निवेशक व प्रदर्शक भी हिस्सा ले रहे हैं। मेले में खाद्य उत्पादों से संबंधित नए स्टार्टअप व खाद्य वस्तुओं से संबंधित फेमस ब्रांड भी हिस्सा ले रहे हैं।
हरियाणा ट्र्रेड फेयर अथोरिटी के हरियाणा मंडप के निदेशक अनिल चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा की ओर से यहां 14 स्टॉल लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि यहां सामान बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है बल्कि विभिन्न उत्पादों को यहां प्रदर्शित किया गया है ताकि व्यापारियों को नये आर्डर मिल सकें।
देश के खाद्यान भंडार में हरियाणा की बड़े योगदान हरियाणा पवेलियन में प्रमुखता से दर्शाया गया है। गेहूं व चावल में हरियाणा देश के पहले पांच राज्यों में शामिल है, जहां से अधिक भंडाराण केंद्रीय पूल में किया जाता है इसलिए हरियाणा ने अपनी थीम में इस बार गेंहू और चावल में आत्मनिर्भरता को दर्शाया है। उन्होंने बताया कि यह मेला देश के सबसे बड़े आहार एवं आतिथ्य मेले में बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) कैटेगरी के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। इस मेले का आयोजन भारत व्यापार संवर्द्धन संगठन (आईटीपीओ) द्वारा किया जा रहा है। मेले में होटल व्यवसाय, आतिथ्य व सजावटी सामान संबंधित स्टाल भी मेले का प्रमुख आकर्षण हैं। मेले में नए स्टार्टअप को मौका दिया गया है ताकि उन्हें बिजनेस बढ़ाने में मदद मिल सकें।
आमजन को पौष्टिक और शुद्ध शाकाहारी सोया चाप खाने को मिले इसी सोच के साथ गुरुग्राम के महेन्द्र अरोड़ा द्वारा छोटी सी दूकान से शुरू किया गया व्यवसाय अब सालाना 18 करोड़ रुपये टर्न ऑवर पर पहुंच गया है। 38वें आहार अंतरराष्ट्रीय खाद्य एवं आतिथ्य मेले के हरियाणा पवेलियन में बादशाह चाप के नाम से उनकी स्टॉल आकर्षण का केन्द्र है। इसकी एक वजह उनकी बादशाह जैसी वेशभूषा भी है। वे बताते है कि आहार पौष्टिक होगा तो विचार भी बादशाह जैसे आएगें। इसलिए उन्होंने अपने ब्रांड के साथ वेशभूषा भी बादशाह की ही बनवाई है। कर्मचारी से लेकर मालिक तक सब बादशाह लुक की ड्रेस पहनते है।
बादशाह चाप के संचालक महेन्द्र अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद अपना व्यवसाय करने की सोच रखी और खाद्य पदार्थ से संबंधित छोटी दूकान खोली। इस दौरान उन्हें पता चला कि चाप को शुद्ध शाकाहारी रूप से भी तैयार किया जा सकता है। ऐसा करने से जीव-जन्तु की रक्षा हो पाएगी। इसी सोच के साथ उन्होंने वर्ष 2011 में सोया चाप बनाने का काम शुरू किया था। शाकाहारियों के लिए चाप से बने व्यजंन मीट का बेहतरीन विकल्प है।
महेन्द्र अरोड़ा ने बताया कि इस व्यवसाय की वजह से उन्होंने गुरुग्राम में 36 से अधिक महिलाओं को रोजगार से जोड़ा है। ये महिलाएं प्रतिदिन उनकी फैक्ट्री में काम कर अपनी आजिविका को बेहतर बना रही है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में वे और लोगों को भी रोजगार देंगे, इसके लिए वे अपने रोजगार को बढ़ा रहे है। उन्होंने बताया कि उनके यहां हाईजैनिक रूप से मशीनों से कार्य किया जाता है।