चंडीगढ़, 21 नवंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सहकारिता आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए लोगों से विकसित भारत-विकसित हरियाणा के विजन को साकार करने में सहकारी समितियों से सक्रिय रूप से जुड़ने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री आज गुरुग्राम में 71वें राष्ट्रीय सहकारिता सप्ताह के समापन समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि नारायणगढ़ में जल्द ही एक नई अत्याधुनिक सहकारी चीनी मिल स्थापित की जाएगी। इसके अलावा, कुरुक्षेत्र में एक आधुनिक सूरजमुखी तेल पेराई मिल स्थापित की जाएगी और रेवाड़ी में देश की सबसे बड़ी सहकारी सरसों तेल मिल स्थापित की जाएगी।
विकसित भारत-विकसित हरियाणा के संकल्प को पूरा करने में सहकारी संस्थाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने व्यापक सुझाव दिए, जिनमें स्थानीय उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंच, किसानों को लाभान्वित करने के लिए फसल भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन की सुविधाएं स्थापित करना, महिला स्वयं सहायता समूहों का कौशल विकास और वित्तीय साक्षरता देना शामिल है। उन्होंने युवाओं के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के साथ-साथ परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए डिजिटल भुगतान प्रणाली और ई-गवर्नेंस प्रथाओं को अपनाने का भी आह्वान किया। उन्होंने सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत काम करने का भी आग्रह किया। ये पहले न केवल सहकारिता आंदोलन से जुड़े लोगों के आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान देगी बल्कि प्रधानमंत्री के विकसित भारत और समृद्ध हरियाणा के विजन में भी सहायक होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी समितियां कृषि और ग्रामीण विकास व राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। राष्ट्रीय सहकारी सप्ताह का आयोजन इस महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने और सहकारिता आंदोलन को और तेज करने का काम करता है। उन्होंने हरियाणा में विभिन्न उत्पादों के लिए अमूल व अन्य की तरह एक एकीकृत ब्रांड बनाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सहकारिता के लिए एक व्यापक कार्य योजना विकसित करके हम श्री अन्ना जैसे स्थानीय बाजरे को बढ़ावा दे सकते हैं और उन्हें नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। 71वें राष्ट्रीय सहकारिता सप्ताह की थीम “विकसित भारत के निर्माण में सहकारिता की भूमिका” पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का विजन रखा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि “सहकारिता से समृद्धि” का मंत्र इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सैनी ने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता से जुड़े लोगों के कल्याण और उत्थान के लिए समर्पित है। इस प्रतिबद्धता का समर्थन करने के लिए, सहकारी सदस्यों और उनके परिवारों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार की सहकारिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगभग 40 पहल की गई हैं। उन्होंने कहा कि सभी 19 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों ने राज्यभर में 7 लाख से अधिक किसानों को रुपए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं। इसके अलावा, गोदाम विकास के लिए 11 पैक्स केंद्रों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समय पर कर्ज की अदायगी करने वालों के लिए ब्याज राहत योजना के तहत 50 प्रतिशत की छूट दी है। अब तक 101 करोड़ रुपए की ब्याज राहत दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि सहकारी दुग्ध उत्पादक समिति के सदस्यों की बेटियों की शादी के लिए कन्यादान योजना के तहत लाभ दिया जाता है। साथ ही उनके मेधावी बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा 10 में 80 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले बच्चों को 2100 रुपये और कक्षा 12 के लिए 5100 रुपये प्रदान किए जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हैफेड को दुबई और अन्य देशों से बासमती चावल के निर्यात के लिए ऑर्डर मिल रहे हैं, जिसमें 1200 करोड़ रुपये मूल्य का लगभग 1 लाख मीट्रिक टन चावल निर्यात किया गया है। हैफेड ने रेवाड़ी और नारनौल में नई तेल मिलें, साथ ही रादौर में हल्दी का प्लांट भी स्थापित किया है। रोहतक में 180 करोड़ रुपये की लागत से मेगा फूड पार्क स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की चीनी मिलें पूरी क्षमता से चल रही हैं, 360 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करके इस सीजन में 35 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। पानीपत, रोहतक, करनाल, शाहाबाद और गोहाना की सहकारी चीनी मिलों ने 2023-24 के पेराई सीजन के दौरान राज्य पावर ग्रिड को 13 करोड़ यूनिट बिजली बेचकर 63 करोड़ रुपये कमाए हैं।
एक जीवंत सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने सहकारी संस्थाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के साथ-साथ युवाओं और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नवाचार और सहयोग हरियाणा में सहकारिता के भविष्य को आगे बढ़ाएंगे।
उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली सहकारी समितियों, पैक्स, चीनी मिलों सहित अन्य सहकारी संस्थाओं को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। उन्होंने राज्य भर में सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा की गई विभिन्न पहलों से सहकारी ढांचे को मजबूत करने, स्थानीय समुदायों की क्षमताओं को बढ़ाने और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, हरियाणा में लगभग 33,000 कार्यात्मक सहकारी समितियां हैं, जिनमें लगभग 55 लाख लोग शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर गांव में एक सहकारी समिति या पैक्स होनी चाहिए।
कार्यक्रम में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, विधायक मुकेश शर्मा, तेजपाल तंवर, बिमला चौधरी, सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता और शुगरफेड के चेयरमैन धर्मबीर सिंह डागर सहित अन्य मौजूद थे।