प्रदेश में विभिन्न करों के संग्रह में रिकॉर्ड 20 फीसदी हुई वृद्धि दर्ज
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में हरियाणा सरकार लगातार आबकारी एवं कराधान विभाग के आधारभूत ढांचे को मजबूत एवं आधुनिक करने की दिशा में काम कर रही है। विभाग में कर संग्रह के कार्यों में डिजिटलाइजेशन को अपनाया जा रहा है जिससे कर राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है। विभाग द्वारा राजस्व को अधिकतम करने और लीकेज को कम करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि आबकारी एवं कराधान विभाग ने इस वित्त वर्ष के प्रथम पाँच महीनों (अप्रैल- अगस्त 2023) में 27,438 करोड़ रुपये का कर संग्रहण किया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 20 फीसदी अधिक है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में राज्य ने 22,880 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया था।
आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा इस वित्त वर्ष के प्रथम पाँच महीनों में 4,686 करोड़ रुपए वैट जुटाया गया, जबकि आईजीएसटी सेटलमेंट, एसजीएसटी कंपनसेशन के साथ एसजीएसटी संग्रहण 17.062 करोड़ रुपए रहा, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 30.2 प्रतिशत अधिक है। इसी के साथ, 15.15% की वृद्धि के साथ 4792 करोड़ का आबकारी संग्रह किया गया। राज्य सरकार के इन आंकड़ों से साफ है कि हरियाणा सरकार के प्रयासों से राजस्व में वृद्धि हो रही है और यह राज्य के विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है। साथ ही, यह राज्य की आर्थिक प्रगति को भी दर्शाता है।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य ने वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 33,527.42 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह किया था। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रति व्यक्ति कुल जीएसटी संग्रह में हरियाणा चौथे स्थान पर रहा। सभी राज्यों में कुल संग्रह के मामले में, हरियाणा वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022- 23 में देश भर में छठे स्थान पर बना हुआ है। कुल जनसंख्या में केवल 2 प्रतिशत हिस्सेदारी वाला हरियाणा देश के कुल जीएसटी संग्रह में 6 प्रतिशत का योगदान देता है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि सरकार के लिए राजस्व एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है, जिससे विभिन्न सरकारी परियोजनाओं को विकसित करने, नागरिक सेवाएं प्रदान करने और देश-प्रदेश के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक धन उपलब्ध होता है। आबकारी एवं कराधान विभाग का प्रयास है कि राज्य बजट में विभाग के लिए निर्धारित 57,931 करोड़ रुपए के लक्ष्य से अधिक राजस्व एकत्रित किया जाए जिससे प्रदेश में विकासात्मक कार्यों के लिए धन की कोई कमी ना रहे।