चंडीगढ़, 18 नवंबर। विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र व पंजाब सरकार पर Agriculture को बर्बाद करने का आरोप लगाया है।
आप नेता चीमा यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने चन्नी सरकार को आमजन की बजाए ‘खासजन’ की सरकार करार दिया।
चीमा ने कहा कि चन्नी सरकार प्रदेश की Agriculture को बर्बाद करने पर आमादा है।
सरकार की नीति और नियत दोनों ही पंजाब की दुश्मन हैं।
चीमा ने कहा कि कांग्रेस ने 2017 में किसान-मजदूर को करीब 90 हजार करोड़ रुपए कर्जा माफ करने का दावा किया था।
लेकिन, वह कर्जा अब बढक़र करीब डेढ़ लाख करोड़ बन चुका है।
इसमें सरकारी, सहकारी व निजी बैंकों के साथ-साथ असंगठित क्षेत्र से उठाए कर्जे शामिल हैं।
उन्होंने याद दिलाया कि इस वादे के लिए बकायदा किसान और मजदूरों से फॉर्म भी भरवाए गए थे।
लेकिन, अफसोस सरकार बनते ही कांग्रेस ने अपना असली ‘छलावे’ वाला किरदार लोगों को दिखा दिया।
सरकार सुध लेती तो Agriculture और किसान को नुकसान नहीं होगा -चीमा
चीमा ने कहा कि यदि सरकार सब्सिडी का 300 करोड़ रुपये जारी कर देती तो किसानों के लिए कुछ कहने की स्थिति में होती।
लेकिन, कांग्रेस पार्टी की हमेशा धोखाधड़ी की परंपरा रही है।
उन्होंने कहा कि किसान कांग्रेस तथा अकाली-बीजेपी के कारण परेशान हालत में है।
चीमा ने कहा कि हरसिमरत कौर बादल ने मंत्री रहते संसद में तीनों काले कृषि कानूनों पर हस्ताक्षर किए थे।
उन्होंने कहा कि अब पंजाब के लोग विधानसभा चुनाव में बादल परिवार को सबक सिखाएंगे।
दाने-दाने को मोहताज है कृषि प्रधान राज्य पंजाब -चीमा
चीमा ने कहा कि कभी कृषि प्रधान प्रदेश का ताज हासिल करने वाला पंजाब आज दाने-दाने को मोहताज है।
यह अब तक की सरकारों की घातक नीतियों का ही खामियाजा है कि हर साल सैकड़ों किसान खुदकुशी को विवश होते हैं।
उन्होंने कहा कि किसान कर्जदार हो चुका है।
प्रदेश का किसान आज अपनी जमीन तक नहीं बेच पा रहा है।
चीमा ने कहा कि अब चरणजीत सिंह चन्नी लोगों को दोबारा गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने चन्नी से सीधे तौर पर पूछा कि संपूर्ण कर्जा माफ करोगे या नहीं करोगे?
यदि करोगे तो उसकी समय सीमा घोषित करें।
आचार संहिता लगने से पहले किसान-मजदूरों का संपूर्ण कर्जा माफ किया जाए।