चंडीगढ़, 26 जून। कोटकपूरा गोली कांड के लिए नई विशेष जांच समिति (एसआईटी) की ओर से अकाली दल बादल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को पूछताछ के लिए बुलाने के मामले पर हल्ला-गुल्ला करने पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल बादल को न तो भारत के संविधान में और न ही किसी अन्य एजेंसी पर विश्वास है।
चीमा ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के दाग छुपाने के लिए अकाली दल बादल हल्ला-गुल्ला करके लोगों का इस मसले से ध्यान भटकाना चाहता है। उन्होंने कहा कि अकाली दल बादल के नेता गुरु के गुनहगार हैं और उनको सजा मिल कर ही रहेगी। उन्होंने दोष लगाया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अकाली दल बादल के दबाव में काम कर रहे हैं, इसी लिए बादलों के कहने पर अपनी ही जांच समिति के सदस्यों को बार-बार बदल रहे हैं। वास्तव में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार एक फेल सरकार है, जो अपने ही अधिकारियों की सुरक्षा करने में असफल रही है।
हरपाल सिंह चीमा ने दोष लगाया कि अकाली दल बादल का पुराना रिकॉर्ड रहा है कि वह हर केस में अपने खिलाफ आए गवाहों को डरा- धमका कर केस को कमजोर करने की कोशिश करता है। यही कुछ अब कोटकपूरा गोली कांड की जांच कर रही विशेष जांच टीम के मामले में हो रहा है। उन्होंने कहा कि अकाली दल बादल चाहता है कि बादल परिवार अपने ही घर की एक जांच समिति बनाए और इस समिति में हरसिमरत कौर बादल, सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम मजीठिया को मेंबर बना कर बादल परिवार को क्लीन चिट दे दी जाए, परन्तु पंजाब के बच्चा बच्चा को पता है कि जब पंजाब में अकाली दल बादल की सरकार थी उसी समय श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी हुई और बेअदबी के विरुद्ध इंसाफ मांग रहे सिखों पर पुलिस ने गोलियां चला कर दो निर्दोष सिखों को मार दिया था।
चीमा ने कहा कि इस दुखद कांड के लिए बादल परिवार जिम्मेदार है, परन्तु अकाली दल बादल के नेता झूठी अफवाहें फैला कर पंजाब के लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ‘आप’ नेता ने कहा कि कोटकपूरा गोलीकांड के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री और गृहमंत्री पूरी तरह से जिम्मेदार हैं, परन्तु जांच प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह का प्रकाश सिंह बादल के साथ रिश्ता बरकरार है और दोनों की मिलीभगत के साथ जांच समितियों की प्रक्रिया के द्वारा बादल परिवार को कानूनी संकट से बचाने की कोशिश हो रही है।