चंडीगढ़, 8 सितंबर। इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने केंद्र सरकार द्वारा रबी फसलों की एमएसपी की घोषणा को ऊंट के मुंह में जीरा बताते हुए कहा कि देश में महंगाई दर अपने उच्चतम स्तर पर है लेकिन केंद्र सरकार ने रबी फसल जिसमें गेहूं, बार्ले, चना, सरसों, सैफ्लॉवर और मसूर की एमएसपी मात्र 40, 35, 130, 400, 114 और 400 रुपए बढ़ाई है जो मात्र 2 प्रतिशत से 7 प्रतिशत तक बनती है।
उन्होंने कहा कि खाद्य तेल, दालें, सब्जी, खाद्यान्न की कीमत 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी हैं। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा रबी फसलों के एमएसपी की घोषणा बहुत कम है। देश का किसान, मजदूर, छोटा व्यापारी और कर्मचारी समेत हर वर्ग महंगाई की मार से त्रस्त हैं।
जहां सरकार को जनता को महंगाई पर लगाम लगाकर राहत देनी चाहिए वहीं भारी भरकम टैक्स लगाकर जनता को लूट रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद पेट्रोल-डीजल और गैस पर भारी टैक्स लगाकर आम आदमी की जेब पर डाका डाल रही है।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि खेती में इस्तेमाल होने वाले खाद, बीज, दवाइयां और डीजल की कीमतें इतनी अधिक बढ़ गई है कि आज के दिन किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा बन गई है। भाजपा सरकार किसानों को डीएपी खाद पहले से ही महंगी दे रही है। खाद में प्रति कट्टा 5 किलो की कटौती कर के डीएपी के 50 किलो वाले कट्टे की जगह 45 किलो प्रति कट्टा किसानों को दे रही है।
भाजपा सरकार किसानों को स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार फसल लागत सी-2 पर 50 प्रतिशत मुनाफा देकर एमएसपी जारी करें जिसका वायदा इन्होंने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया था। दिन ब दिन बढ़ती महंगाई ने आज विकराल रूप धारण कर लिया है।
भाजपा सरकार के कार्यकाल में डीजल-पेट्रोल 50 प्रतिशत, लोहा 50 प्रतिशत, सीमेंट 30 प्रतिशत, दलहन 50 प्रतिशत और रसोई गैस सिलेंडर में 400 रुपए की बढ़ोतरी के कारण महंगाई डायन का रूप ले चुकी है। आज आम आदमी, गरीब और मजदूर का जीवन यापन महंगाई के कारण बेहद दूभर हो गया है।