समाज के अंतिम छोर पर रहने वाले परिवारों का होगा सम्मान
चंडीगढ़, 1 नवंबर- समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने और उसे समाज में समुचित सम्मान दिलाने का मुख्यमंत्री मनोहर लाल का लक्ष्य पूरा होता दिख रहा है। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना का लाभ उठाने वाले परिवारों को सम्मानित करने के लिए आज दानवीर कर्ण की नगरी करनाल में अंत्योदय महासम्मेलन का आयोजन किया गया है। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में आयुष्मान भारत, पेंशन स्कीम और हरियाणा में चलायी जा रहीं गरीब कल्याण की अन्य योजनाओं के लाभार्थी भी शिरकत करेंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश में सरकार बनाने के बाद से ही अंत्योदय के दर्शन से प्रेरित होकर ही गरीबों के उत्थान से जुड़ी योजनाएं चलाने पर जोर देते रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गरीब व्यक्ति के जीवन में सुधार लाने के विजन को ध्यान में रखते हुए अंत्योदय के विचारों को समेटते हुए प्रदेश की सभी गरीब कल्याण योजनाएं तैयार की गईं। मुख्यमंत्री के विचार में गरीबों का उत्थान ही अंत्योदय परिवार उत्थान योजना का प्राथमिक लक्ष्य है। इस योजना के तहत अब तक प्रदेश में 76454 लाभार्थियों के आवेदन सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत किये गये। इनमें से 32743 लाभार्थियों के ऋण स्वीकृत हुए।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश में सुशासन कायम कर पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक पहुंचा है।मुख्यमंत्री श्री मनोहर का मानना है कि सरकार व सरकार की योजनाओं पर पहला हक गरीब का है। इसी सोच के साथ विगत 9 वर्षों में मुख्यमंत्री ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों के उत्थान पर विशेष ध्यान दिया है। आज प्रदेश में ऐसा माहौल बना है कि गरीब का हक कोई नहीं छीन सकता और न ही कोई गलत तरीके से कोई अनुचित लाभ ले सकता है। राज्य सरकार के इन्हीं समर्पित प्रयासों के बल पर आज जनता में विश्वास जगा है कि उनके हितों की चिंता करने वाली सरकार है। अंत्योदय सम्मेलन के जरिए आज ऐसे कई परिवारों की कहानियां सामने आएंगी जो हरियाणा सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अंतिम छोर से मुख्यधारा में शामिल हुए हैं।
‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना‘ को हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने एक सर्वग्राही योजना के रूप में शुरू किया। इसका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के आर्थिक समावेश की सुविधा के साथ गरीबी को कम करना है, यानी सबसे गरीब अंत्योदय परिवारों की आय को बढ़ाना है। ये वे परिवार हैं जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय एक लाख रुपये से कम है। इस योजना की सबसे अनूठी विशेषता यह है कि यह पूर्ण रूप से परिवार के समग्र उत्थान पर केंद्रित है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने वर्ष 2014 में जब प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी तो उस समय प्रदेश की राजनीति में एक गुणात्मक बदलाव आया। उन्होंने हरियाणा एक-हरियाणवी एक को अपनी कार्यशैली का आधार मानकर प्रदेश की राजनीति की परिभाषा को बदलने का काम किया। 25 दिसंबर, 2014 को मुख्यमंत्री ने सुशासन दिवस के अवसर पर सीएम विंडो की अवधारणा की शुरुआत कर राज्य के इतिहास में राजनीति की एक नई पटकथा लिखने का काम किया। उनका मुख्य उद्देश्य था कि लोगों को चंडीगढ़ आये बिना ही सीधी मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचा पाए और यह प्रयोग सफल भी हुआ।
सीएम विंडो की शुरुआत से वर्तमान सरकार ने अंत्योदय उत्थान को लेकर अपनी यात्रा की शुरुआत की तो उसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा। इसी प्रयास के तहत मुख्यमंत्री ने अपनी तरह की अनूठी महत्वाकांक्षी योजना परिवार पहचान पत्र शुरू कर प्रदेश के सभी परिवारों का आर्थिक डाटा एकत्र करने का काम किया। इससे ही प्रदेश में अंत्योदय परिवारों की पहचान संभव हो पाई और ऐसे परिवारों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिला, जिसकी चर्चा देशभर में हुई है और अन्य प्रांतों ने भी अपने यहाँ पीपीपी मॉडल को अपनाने में रुचि दिखाई है।