देहरादून, 16 सितंबर। नैनीताल हाईकोर्ट ने बहुप्रतिक्षित चारधाम यात्रा पर लंबे समय से लगी रोक को कुछ प्रतिबंधों अथवा शर्तों के साथ हटा दिया है। इस इसके साथ ही श्रद्धालु अब उत्तराखंड के चार धामों श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री व श्री यमुनोत्री धाम की यात्रा कर सकेंगे।
इधर, हाईकोर्ट का फैसला आने के साथ ही प्रदेश सरकार ने भी अपनी तैयारियां शुरु कर दी हैं।
उल्लेखनीय है कि चारधाम यात्रा पर लंबे समय से रोक लगी हुई थी जबकि इससे जुड़े कारोबारियों की तरफ से उत्तराखंड सरकार पर लगातार रूप से यात्रा को शुरु करवाने का दबाव डाला जा रहा था। मामला अदालत तक गया।
अब नैनीताल हाईकोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों के साथ चारधाम यात्रा पर रोक को हटा दिया है। अदालत के आदेश के मुताबिक श्री केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 श्रद्धालुओं, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600, यमनोत्री धाम में कुल 400 श्रृद्धालुओं को जाने की अनुमति होगी।
चारधाम यात्रा के लिए प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीन की डबल डोज लगी होने का सर्टिफिकेट ले जाना अनिवार्य होगा। इस पूरे मामले में हाईकोर्ट के विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है।
हाईकोर्ट के आदेश का उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वागत किया है। पर्यटन- धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने भी इसपर खुशी जताई है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में स्थित धामों होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवश्यक्तानुसार पुलिस बल तैनाती को भी प्रशासन को कहा गया है।
धामों में श्रद्धालु किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे तथा कोरोना प्रोटोकॉल एवं सामाजिक दूरी का पालन अनिवार्य किया गया है। राज्य सरकार की ओर से चारधाम यात्रा के संबंध में निर्देश जारी होने की संभावना है।
गढ़वाल आयुक्त एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया देवस्थानम बोर्ड ने पहले ही यात्रा तैयारियां की हुई हैं चारों धामों में कोरोना बचाव मानकों का पालन करते हुए निरंतर पूजा अर्चना चल रही है।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद देवस्थानम बोर्ड नए सिरे से यात्रा तैयारियों में जुट गया है।
उन्होंने बताया कि एसओपी के मुताबिक कोरोना बचाव मानकों एवं सामाजिक दूरी का पालन करते हुए श्रद्धालु चार धामों में दर्शन हेतु पहुंचेगे। पंजीकरण प्रक्रिया को जारी रखा जाएगा। न्यायालय से प्राप्त निर्दशों के क्रम में श्रद्धालुओं को सभी निर्धारित मानकों का पालन करवाया जायेगा।
देवस्थानों में आवास, खान-पान, चिकित्सा-स्वास्थ्य, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता पर फोकस रहेगा।
वहीं चारधाम यात्रा के संबंध में अपर मुख्य कार्यकारीअधिकारी बी. डी.सिह ने श्री बदरीनाथ धाम में चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा की।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर रोक हटाने को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल आवेदन पर आज बृहस्पतिवार सुनवाई हुई। बुधवार को ही सरकार की ओर से प्रार्थना पत्र दाखिल कर रोक हटाने का आग्रह किया गया था।
कोविड के मामलों में बढ़ोतरी, स्वास्थ्य सुविधाओं संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जून में चारधाम यात्रा पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाई थी। इस आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की जिस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर तथा सीएससी चंद्रशेखर रावत ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली बैंच से यात्रा पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया तो सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी विचाराधीन होने का हवाला देते हुए कोर्ट ने विचार करने से मना कर दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) वापस ले ली। इसके बाद हाई कोर्ट को सरकार ने इस बारे में जानकारी दी तो कोर्ट ने 16 सितंबर की तिथि नियत की ओर उत्तराखंड चारधाम यात्रा से रोक हटा दी।
धाम के स्थानीय लोगों, श्रृद्धालुओं, तीर्थपुरोहित, ब्यापारीवर्ग ने चारधाम यात्रा शुरू होने पर खुशी ब्यक्त की है। और चारधाम यात्रा शुरू करने हेतु शुरू हुए आंदोलन समाप्त कर दिए हैं।