चंडीगढ़, 18 सितंबर। पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ महीनों पहले पंजाब की सियासत में बड़ा धमाका हुआ है। सत्तारूढ़ कांग्रेस में चल रही रस्साकशी के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने अपना इस्तीफा राजभवन जाकर राज्यपाल बनवारी पुरोहित से मुलाकात कर सौंपा। राजभवन के बाहर मीडिया से बातचीत में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट किया कि इस्तीफे का फैसला उन्होंने सुबह ही ले लिया था और इसकी जानकारी पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी को दे दी थी।
इस तरह पंजाब कांग्रेस में अमरिंदर सिंह बनाम नवजोत सिंह सिद्धू की लड़ाई एक बड़े मोड़ पर आ खड़ी हुई है। इस मोड़ पर कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। सबसे बड़ा सवाल कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगली कदमचाल, दूसरा सवाल नवजोत सिंह सिद्धू की भावी रणनीति और इन सबके बीच विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। निश्चित तौर पर इस घटनाक्रम से प्रदेश की विपक्षी राजनीति भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहेगी।
विपक्ष पूरे मामले में बारीक नजर गड़ाए हुए है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा पार्टी विधायकदल की बैठक से ठीक पहले दिया। राजभवन के बाद उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में तीसरी बार यह हुआ है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैं यहां ह्यूमिलेटेड महसूस कर रहा हूं। अब वे जिसे चाहे सीएम बनाएं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं अपने समर्थकों से बात करके भविष्य का फैसला लूंगा। काफी कुरेदे जाने के पर उन्होंने कहा कि वे राजनीति में 52 साल से हैं और इस दौरान काफी मित्र बन जाते हैं। राजनीति एक संभावनाओं का खेल है और ये काफी तेजी से बदलता है।
दूसरी ओर पड़ोस के सियासी घटनाक्रम पर हरियाणा की सत्तारूढ़ बीजेपी काफी हमलावर मुद्रा में आ गई है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि जहाज जब डूबने वाला होता है तो हिचकोले खाने लगता है। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस उसी प्रकार ने हिचकोले खा रही है। इसी वजह से इनका आपसी टकराव हो रहा है।